अपर कलेक्टर और जिला खाद्य अधिकारी अरुण कुमार मरकाम के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम मंगल राइस मिल में छापामार कार्यवाही (Raid in rice mill) करने पहुंची। इस दौरान भौतिक सत्यापन में मेसर्स मंगल राइस मिल द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में निर्धारित मात्रा से कम चावल जमा किया गया है।
मामले में गड़बड़ी की आशंका को ध्यान में रख खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने राइस मिल का भौतिक सत्यापन किया। जांच में पाया गया कि राइस मिल संचालक कमला ठाकुर ने एफसीआई और नान से 3895 मैट्रिक टन धान उठाया था।
इसके बदले 2 हजार 635.74 मैट्रिक टन चावल (Raid in rice mill) जमा किया जाना था। जो कि राइस मिल संचालक ने निर्धारित समयावधि में जमा नहीं कराया है। हालांकि जांच के दौरान मात्र 28.98 मैट्रिक टन चावल जमा पाया गया है। वहीं राइस मिल में धान एवं चावल की शेष मात्रा शून्य पाई गई।
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Raid in rice mill: राइस मिलर नहीं प्रस्तुत कर पाया दस्तावेज
राइस मिल संचालक द्वारा प्रशासनिक टीम को स्टाफ मामले में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। साथ ही चावल जमा करने के संबंध में कोई भी प्रासंगिक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं (Raid in rice mill) कर पाया। मेसर्स मंगल राइस मिल संचालक की इस गतिविधि को छत्तीसगढ़ शासन की कस्टम मिलिंग नीति और चावल उपार्जन आदेश 2016 का उल्लंघन माना गया है, जो कि अपराध की श्रेणी में आता है।
Raid in rice mill: 3 दिन के भीतर मांगा जवाब
मामले में अपर कलेक्टर एवं खाद्य अधिकारी ने राइस मिल संचालक कमला ठाकुर को तीन दिन के भीतर जवाब देने नोटिस जारी किया है। निर्धारित समयावधि में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर एकपक्षीय (Raid in rice mill) कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें
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राइस मिल के 3 साल से बंद की चर्चा
पटना मंगल राइस मिल में छापामार कार्रवाई (Raid in rice mill) के बाद तरह-तरह की चर्चा हो रही है। लोग दबी जुबान से कहने लगे हैं कि राइस मिल पिछले 3 साल से बंद पड़ा हुआ है। लेकिन रेकॉर्ड में 3 साल से धान का उठाव हो रहा था। हालांकि, धान खरीदी और उठाव में गड़बड़ी को लेकर ढेरों शिकायत हो चुकी हंै। लेकिन जांच व कार्रवाई नहीं होती है।3 ट्रकों पर नहीं हुई थी कार्रवाई
वहीं खरीफ सीजन 2023-24 में जामपारा उपार्जन केंद्र से धान उठाव करने ट्रक पहुंचे थे, लेकिन बिना धान उठाव किए ही खाली जा रहे थे। मामले में बडग़ांव के पास तीनों खाली ट्रक को पकड़ लिया था। लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई थी। वहीं विपणन विभाग का दावा है कि प्रत्येक ट्रक में जीपीएस लगा रहता है। कहां से धान उठाता है और कहां पहुंचता है, उसकी ऑनलाइन ट्रैकिंग होती है।