ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ अंतर्गत ग्राम चनवारी डांड़ की 70 वर्षीय महिला आशा वर्मा व उनकी 34 वर्षीय बेटी संजू सोनी ने। मां कहती है कि मैं कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) थे, बेटी के हौसले से उन्होंने कोरोना को हराया है। मां-बेटी ने लोगों से अपील की है कि वे खुद की सोच पॉजिटिव रखें, यदि संक्रमित हैं तो घबराएं नहीं।
कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में रोजाना 10 से 20 की संख्या में मरीज पॉजिटिव निकल रहे है। वहीं ग्राम पंचायत चनवारीडाडं की 70 वर्षीय महिला आशा वर्मा व उनकी 34 वर्षीय पुत्री संजू सोनी ने कोरोना के जबरदस्त संक्रमण को परास्त किया।
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लक्षण आने पर अपने परिवार व समाज जनों की सुरक्षा की खातिर तत्काल टेस्ट कराने की अपील की है। उनका कहना है कि मुझे तेज बुखार शरीर में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हुई, पर लक्षण को देखते हुए हमने तत्काल कोरोना जांच कराई। रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो कुछ देर के लिए हम नर्वस हो गए लेकिन फिर हिम्मत जुटाई और पूरा हौसला बनाए रखा।
मां-बेटी ने ये कहा
मां आशा वर्मा कहती हैं कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर विकास पोद्दार ने हमें कोरोना ट्रीटमेंट दिया। 15 दिन दवाओं के साथ गर्म पानी और भाप का उपयोग किया, जिससे जल्द ही कोरोना से मुक्त हो गई, अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं।
वहीं उनकी पुत्री संजू सोनी का कहना है ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते संक्रमण को देखकर हम अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ घर पर ही रहकर काफी एहतियात बरत रहे थे। हमने हिम्मत कर अस्पताल में टेस्ट कराया। कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने से पूरा परिवार परेशान हो गया। फिर हमने हिम्मत जुटाकर इस बीमारी से जीत का संकल्प लिया और घर पर ही 17 दिन होमआइसोलेट रह कर इसे हराया है।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों की उचित देखरेख व दवाइयों के नियमित रूप से भाप लेने व गर्म पानी का उपयोग करने से कोरोना में काफी तेजी से आराम होता है। उन्होंने इस बीमारी से हताश न होने व डंटकर मुकाबला करने की अपील की है।