वर्ष 2021-22 में पंजीकृत महज 83 किसान 12928 क्विंटल धान लेकर पहुंचे। इसमें सिर्फ 66 किसानों का 8405.4 क्विंटल पास हुआ है। जिन्हें 2393 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान हुआ है। वहीं 17 किसानों का धान टेस्टिंग में फेल होने के बाद 4522.6 क्विंटल को 1940 रुपए के हिसाब से भुगतान कर दिया गया है। टेस्टिंग सहित अन्य प्रक्रिया में किसानों को 540 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से नुकसान हुआ है। इसलिए बीज निगम में गिनती के 105 किसान पंजीकृत हैं।
मार्कफेड में कीमत कम, न्याय योजना से बढ़ जाती है
मार्कफेड में समर्थन मूल्य पतला धान 1960 रुपए और मोटा धान 1940 रुपए और बीज निगम में धान की कीमत 2393 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। जिसमें 453 रुपए का अंतर है। हालाकि मार्कफेड में न्याय योजना जोडक़र 2500 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान होता है।
इससे बीज निगम के मुकाबले मार्कफेड की कीमत बढ़ जाती है। इसलिए बीज निगम में धान बेचने गिनती के किसान पहुंचते हैं। वहीं मार्कफेड के माध्यम से वर्ष 2021-22 में 28304 पंजीकृत किसान से 140092.68 मीट्रिक धान खरीदी हुई है।
हर साल निर्धारित होती है धान की कीमत
हर साल धान की कीमत निर्धारित होती है। वर्ष 2021-22 में 2393 रुपए प्रति क्ंिवटल निर्धारित है। वहीं जिनका धान टेस्टिंग में फेल होता है, उस किसानों को प्रति क्विंटल 1960 रुपए के हिसाब से भुगतान होता है। बीज निगम में वर्ष 2020-21 में 2263 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित थी।
चंद्रप्रकाश मिश्रा, प्रभारी छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड बैकुंठपुर