एमसीबी जिले के भरतपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम भगवानपुर खचखरीपारा निवासी अजय कुमार पिता श्यामलाल ने 21 मार्च की सुबह थाने में अपने पिता की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया कि 20 मार्च की सुबह उसके पिता घर से निकले थे लेकिन रात तक नहीं लौटे।
21 मार्च की सुबह वह जब शौच के लिए जंगल की ओर जा रहा था तो घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर उसके पिता की लाश एक पेड़ के पास पड़ी दिखाई दी। पिता के सिर, कनपटी और आंख में चोट के निशान थे।
यह बात उसने अपने मां व पत्नी को बताया। वहीं चौकीदार संतोष के साथ वह रिपोर्ट लिखाने आया है। इस पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना शुरु की।
बेटे ने ही की थी हत्या
इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई तो मृतक के बेटे पर ही शक हुआ। पुलिस ने जब उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु की तो उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली। आरोपी ने पुलिस को बताया कि शराब के नशे में उसके पिता आए दिन विवाद करते रहते थे।
20 मार्च की दोपहर वे शराब के नशे में घर आए थे। इसके बाद मुझसे व मेरी पत्नी से गाली-गलौज व मारपीट करने लगे। इस दौरान गुस्से में उसने लोढ़ा (सिल-बट्टा) से सिर पर प्रहार कर दिया, इससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
इसके बाद पत्नी के साथ शव को घर से दूर फेंक दिए थे। मामले में पुलिस ने आरोपी बेटे व बहू को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया।
किया था गुमराह, 2 बच्चों की जिम्मेदारी दादी पर
आरोपी ने पिता की हत्या करने के बाद पुलिस को गुमराह करने साजिश रची थी, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सका। आरोपी के 3 बच्चे हैं। सबसे छोटे बच्चे को लेकर मां जेल चली गई। अब बचे 2 बच्चों की जिम्मेदारी बूढ़ी दादी पर आ गई है।
यह भी पढ़ें ठगी का नया तरीका: मुंबई से आया डीएसपी का फोन और युवती ने ट्रांसफर कर दिए 4.18 लाख रुपए
किया था गुमराह, 2 बच्चों की जिम्मेदारी दादी पर
आरोपी ने पिता की हत्या करने के बाद पुलिस को गुमराह करने साजिश रची थी, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सका। आरोपी के 3 बच्चे हैं। सबसे छोटे बच्चे को लेकर मां जेल चली गई। अब बचे 2 बच्चों की जिम्मेदारी बूढ़ी दादी पर आ गई है।