उसी सुबह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने घर के बाहर नवजात को देखा तो उसे अन्य लोगों की मदद से जिला अस्पताल में भर्ती कराया। नवजात की सेहत में जब चौथे दिन सुधार आया तो उसे मातृछाया अंबिकापुर को सौंपा गया।
बैकुंठपुर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता फूलमति को 22 मार्च सुबह 6.50 बजे अपने घर के सामने एक लावारिस हालत में एक नवजात बच्ची मिली। इसकी जानकारी उसने ग्राम पंचायत मुरमा सरपंच उदय सिंह को दी। मामले में पंच अमरेश कुमार, कार्यकर्ता फूलमति, एमपीडब्ल्यू रीना व ललिता बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे।
मासूम बच्ची का वजन 2.5 किलोग्राम है और जन्म के तुरंत बाद लावारिस छोडऩे की आशंका जताई गई। जिला अस्पताल के एसएनसीयू बैकुंठपुर में भर्ती कर बच्ची का उपचार प्रारंभ कर दिया गया। इस दौरान बच्ची की सेहत ठीक होने के बाद चौथे दिन सेवा भारती मातृसेवा अंबिकापुर को सौंप दिया गया। कोतवाली पुलिस के प्रतिवेदन के आधार पर पटना थाना में आरोपी अज्ञात महिला के खिलाफ धारा 317 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
आज भी जारी है भेदभाव
गौरतलब है कि केंद्र व राज्य सरकार बेटी बचाने, बेटी पढ़ाने को लेकर लगातार अभियान चलाकर आम जनता को जागरूक कर रही है और नोनी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना सहित अन्य योजनाएं चला रही है। बावजूद ग्रामीण अंचल में आज भी बेटी व बेटा में भेदभाव जारी है।
कोरिया जिले में क्राइम की खबरें पढऩे के लिए क्लिक करें- Crime in Koria