हम आपको बता दें कि शुक्रवार की शाम करीब 7.30 बजे बड़ी संख्या में घुमंतू गाय बैकुंठपुर रोड स्टेशन से ठीक पहले खरवत रेलवे फाटक के पास ट्रैक को पार कर रही थीं। इसी बीच अंबिकापुर से अनूपपुर जाने वाली मेमू ट्रेन की चपेट में आने 13 गायों की मौत (Cows cut by train) हो गई। घटना स्थल पर तेज टक्कर होने से गायें इधर-उधर जा गिरीं।
सुबह ग्राम पंचायत खरवत (Cows cut by train) के पंच-सरपंच आनंदी कुमारी, देव प्रकाश राजवाड़े, बनवारी लाल साहू घटना स्थल पर पहुंचे। फिर गौ सेवक अनुराग दुबे, बैकुंठपुर नगर पालिका के सफाई कर्मचारी एवं पुलिस की मदद से जेसीबी मशीन से रेलवे ट्रैक के अगल-बगल मृत पड़ी गायों को ट्रैक्टर में लोड कराया गया।
उसके बाद खरवत में बड़ा गड्ढा खोदवाकर दफनाया गया है। वहीं हादसे के बाद से मेमू ट्रेन (Cows cut by train) के इंजन में खराबी आ गई है। ऐसे में उसे दूसरे इंजन से खींचकर रेलवे स्टेशन में अन्य प्लेटफॉर्म पर खड़ा किया गया है।
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Cows cut by train: आए दिन हो रहे हादसे
ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ट्रैक और एनएच-43 पर आए दिन घुमंतू मवेशियों की एक्सीडेंट में मौत हो रही है। शाम होने के बाद ओडग़ी नाका से कलेक्ट्रेट रोड खरवत चौक तक रोड पर ही घुमंतू मवेशियों (Cows cut by train) का डेरा रहता है। वहीं गौ सेवक अनुराग दुबे का कहना है कि बीते 2 महीने में रोड एक्सीडेंट और विभिन्न बीमारियों से लगभग 150 गो वंशों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में शाम होने के बाद एनएच-43, नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत की सडक़ों पर घुमंतू मवेशियों की जगह-जगह जमावड़ा लगा रहता है।
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इन्हें दी गई है सडक़ों से मवेशी हटाने की जिम्मेदारी
जिला प्रशासन ने मॉनसून आगमन के साथ ही सडक़ों पर झुंड में बैठने वाले, फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले घुमंतू मवेशियों को हटाने 3 विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। जनपद पंचायत, नगर पालिका और पशुपालन विभाग को संयुक्त रूप से रोजाना मवेशियों को हटाने (Cows cut by train) निर्देश दिए गए हैं। लेकिन एक-दो दिन शाम को सडक़ों से मवेशियों को हटाने के बाद भूल गए। ऐसे में आए दिन सडक़ दुर्घटना में मवेशियों की मौत (Cows cut by train) के साथ ही बाइक सवार भी घायल हो रहे हैं।
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अभियान को लेकर बरती जा रही उदासीनता
गौरतलब है कि दुर्घटनाओं में कमी लाने सडक़ों से घुमंतू मवेशियों को हटाने (Cows cut by train) को लेकर चलाया गया। लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण अभियान सिर्फ आदेश और निर्देश तक ही सिमटकर रह गया है। वहीं शाम होने के बाद कलेक्ट्रेट और जिला न्यायालय के सामने से गुजरी सडक़ पर जगह-जगह घुमंतू मवेशियों का झुंड बैठा नजर आता है। साथ ही दिनभर नगर पालिका क्षेत्र के विभिन्न सडक़ों पर मवेशी बैठे रहते हैं। जबकि नगर पालिका में घुमंतू मवेशियों का सडक़ से हटाने नोडल-सहायक नोडल अधिकारी सहित 11 सदस्यीय टीम गठित है।