गौरतलब है कि नाबालिग पीडि़ता अपनी नानी के घर रहती थी। आरोपी घटना तिथि 12 जुलाई 2021 की शाम वहां पहुंचा और नाबालिग को खींचते हुए जबरन अपने साथ ले गया और घर में बंद कर दिया। इसके बाद पीडि़ता की नानी उसे खोजते हुए आरोपी के घर पहुंची। उसने नातिन को अपने साथ घर चलने कहा।
इसी दौरान आरोपी ने गाली-गलौज करते हुए पीडि़ता की नानी का गर्दन पकडक़र धमकी दी और अपने घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद उसने घर का दरवाजा बंद किया और शराब के नशे में पीडि़ता से बलात्कार किया।
किसी तरह आरोपी के चंगुल से छूटकर पीडि़ता नानी के घर पहुंची। इसके बाद उसने परिजनों के साथ थाने पहुंचकर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376(2)(1), 342, 506, धारा 4,6 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय (Court) में प्रस्तुत किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।
कोर्ट ने सुनाया 20 साल का सश्रम कारावास
नाबालिग से बलात्कार के मामले में 27 मई को अहम फैसला सुनाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएसी (पॉक्सो) आनंद प्रकाश दीक्षित ने आरोपी को धारा 376(3) के तहत 20 साल का सश्रम कारावास, धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में 20 साल सश्रम कारावास तथा धारा 342 के तहत एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अलग-अलग धाराओं में मिली सजा एक साथ चलेगी।