गुरुवार की अलसुबह करीब 4 बजे धनुहर नाला पुलिया पर कोयला लोड 3 हाइवा में (CG road accident) जबरदस्त भिड़ंत हो गई। दो हाइवा संकरी पुलिया में फंस गए और एक ट्रक पुलिया से थोड़ा ऊपर फंसा रहा। खडग़वां-चिरमिरी जाने वाले मार्ग पर संकरी पुलिया में ट्रक फंसने के कारण लोग हलाकान नजर आए।
दोनों ओर गाडिय़ों की लंबी लाइन लगी रही और एक एंबुलेंस भी फंस गई थी। स्थानीय प्रशासन, पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद दोपहर करीब 3 बजे तक रास्ता क्लीयर कराया। दुर्घटनाग्रस्त ट्रक कोयला लोड कर चिरमिरी की ओर से बैकुंठपुर आ रहे थे।
CG road accident: आए दिन होते हैं हादसे
धनुहर नाले पर संकरी रपटा पुलिया है। इस पर आए दिन ट्रक सहित अन्य गाडिय़ां पलटती रहती हैं। बड़ी-छोटी दुर्घटना (CG road accident) की आशंका हमेशा बनी रहती हैं। पिछले 4 महीने में चौथी बार ट्रक पलट चुके हैं। पिछले 20 वर्षों में कई बार उच्च स्तरीय पुल निर्माण कराने की मांग की जा चुकी है, परंतु दुर्भाग्यवश धनुहर नाले में पुल निर्माण नहीं हो पा रहा है। इस मार्ग से हमेशा बड़े वाहनों का आवागमन होता है और प्रतिदिन बड़ी सडक़ दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
यह भी पढ़ें
Humanity shameful: पिता की अर्थी को कंधा देने से पहले 2 बेटों ने संपत्ति के लिए एक-दूसरे का फोड़ा सिर, घर में पड़ी है लाश, दोनों पहुंचे थाना
पुल बनाने करीब 8.50 करोड़ की मिली थी स्वीकृति
राज्य सरकार के पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल के बजट प्रस्ताव में वर्ष 2021 में करीब 8.50 करोड़ की स्वीकृति मिली थी। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद पुल निर्माण शुरू नहीं कराया गया। ग्रामीणों का कहना है कि धनुहर नाले (CG road accident) में पुल निर्माण की आवश्यकता है। किसी दिन कोई बस या स्कूल बस की दुर्घटना होने पर बहुत बड़ी जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकार को इस ओर ध्यान देकर पुल निर्माण कराना चाहिए।
यह भी पढ़ें
Youths protest: Video: शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर युवाओं ने हनुमान चालीसा का पाठ कर निकाली रैली, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
धनुहर और झुमका नाला का कई बार हो चुका है सर्वे
लोक निर्माण सेतु निगम के माध्यम से धनुहर और झुमका नाला में पुल निर्माण कराने कई बार सर्वे कराया गया है। लेकिन राज्य सरकार से प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण निर्माण नहीं कराया जा सका है। हालांकि, झुमका और धनुहर नाला में उच्च स्तरीय पुल निर्माण (CG road accident) कराने 15.8 करोड़ बजट में प्रावधान किया गया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद पुल निर्माण कराने को लेकर ध्यान नहीं दिया गया। रपटा पुलिया होने के कारण अधिक बारिश में डूब जाती है और राहगीरों को कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।