स्पंदना फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर ने बैकुंठपुर सिटी कोतवाली में रिपोर्ट (CG big fraud) दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने बताया है कि कंपनी के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर दिलकश कादरी अपने 2 साथी सुनील साहू व नीलकमल राय से मिलीभगत कर स्वयं की कंपनी रॉयल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज बैकुंठपुर में खोली है।
कंपनी कचहरीपारा में संचालित है। तीनों आरोपियों ने जिले की 391 महिलाओं को दोना पत्तल का व्यवसाय करने के लिए प्रत्येक हितग्राही के नाम पर 42 हजार लोन पास (CG big fraud) कराया। इस दौरान हितग्राहियों से आरटीजीएस फॉर्म में धोखे से हस्ताक्षर कराकर स्वयं के खाते में रुपए ट्रांसफर करा लिए।
अक्टूबर 2023 से जून 2024 तक कुल 1 करोड़ 63 लाख 81 हजार का फर्जीवाड़ा किया गया है। रिपोर्ट पर पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ धारा 120 बी, 420, 409 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
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CG big fraud: ये हैं आरोपी
-दिलकश कादरी पिता मुस्तकिम (25) महुआडीह, शंकरगढ़, बलरामपुर रामानुजगंज।- सुनील साहू पिता रामचरण साहू (30) ग्राम महोरा, पटना कोरिया।
- नीलकमल राय पिता अशोक राय (27) कचहरीपारा बैकुंठपुर कोरिया।
- सुनीता सिंह पति नीलकमल राय (29) ग्राम नरसिंहपुर, बैकुंठपुर कोरिया।
कार्रवाई की बजाय 8 लाख लोन पटाने का किया अनुबंध
ब्रांच मैनेजर के मुताबिक हितग्राहियों को फर्जी तरीके (CG big fraud) से लोन पास कराकर गबन करने की जानकारी मिली थी। मामले में आरोपियों पर दबाव बनाने पर कुछ हितग्राहियों का उन्होंने 4-5 किश्त लोन पटाया गया था। फिर किश्त पटाना बंद कर दिए थे। इसकी जानकारी हितग्राहियों ने माइक्रो फाइनेंस कंपनी को दी थी। लेकिन माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने अपराध पंजीबद्ध नहीं कराया और आरोपी सुनील व नीलकमल से हर महीने 8 लाख ऋण पटाने का अनुबंध कर लिया गया। इधर आरोपियों ने अनुबंध के मुताबिक लोन का किश्त नहीं भरा।
अंत में विभागीय ऑडिट के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने निर्देश दिए गए। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ 1.64 करोड़ धोखाधड़ी कर गबन करने को लेकर थाने में शिकायत सौंपी गई।
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फर्जीवाड़ा कर खोल ली नई कंपनी रॉयल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने फर्जीवाड़ा (CG big fraud) कर हितग्राहियों के नाम पर लोन पास कराने के बाद पूरी राशि हड़प ली। इस पैसे से ही खुद की नई कंपनी रॉयल ग्रुप ऑफ कंपनी कचहरीपारा बैकुंठपुर में खोली थी। वे माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन पास होने के बाद आरटीजीएस से पैसा रॉयल ग्रुप ऑफ कंपनी के खाते में जमा कराते थे। मास्टर माइंड आरोपी नीलकमल ने 8 साल पहले अपनी पत्नी के स्पंदना माइक्रो फाइनेंस कंपनी से पहली बार लोन लिया। इसमें मात्र आधार कार्ड और वोटर आईडी जमा करने पर लोन मिल गया। उसके बाद फर्जीवाड़ा करने का प्लान बनाया था।