बताया जा रहा है कि शासकीय लाहिड़ी कालेज की लाइब्रेरी से किताबों की चोरी मामले में निलंबित प्रोफेसर डॉ तिवारी ने निलंबन के कुछ दिन बाद नवीन कन्या महाविद्यालय बैकुंठपुर में ज्वाइनिंग देने पहुंची थी।
उसके बाद से लगातार करीब डेढ़ साल से गैर हाजिर हैं। इधर जिले के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर व टीचिंग स्टाफ की कमी है। वहीं दूसरी ओर कॉलेज में पदस्थ प्रोफेसर विद्यार्थियों की नियमित क्लास नहीं ले रहे हैं।
इससे छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शासकीय नवीन कॉलेज में जूलॉजी, केमिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सोशियोलॉजी, इंग्लिश, कॉमर्स विषयों की पढ़ाई अतिथि व्याख्याताओं के भरोसे चल रही है। कॉलेज में कुल 15 प्रोफेसरों के पद हैं। जिसमें सिर्फ 4 नियमित प्रोफेसर हैं और शेष 11 अतिथि व्याख्याता कार्यरत हैं।
यह था मामला
17 मई 2022 को शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरमिरी की लाइब्रेरी से 50 हजार किताबें चोरी हो गई थीं। इसी मामले के अलावा अन्य अनियमितता बरतने वाली प्रभारी प्राचार्य डॉ. आरती तिवारी जून २०२२ से निलंबित हैं। निलंबन अवधि में नवीन कन्या महाविद्यालय बैकुंठपुर में अटैच हंै।
छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव एआर खान के हस्ताक्षर से निलंबन आदेश जारी हुआ था, जिसे उच्च शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही थी। निलंबन आदेश में उल्लेख था कि कॉलेज की लाइब्रेरी से 50 हजार किताबें व अन्य अनियमितता की जांच के आधार पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3 में निहित प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।
ऐसा कृत्य के लिए राज्य शासन को यह समाधान हो गया है कि इन्हें(प्रभारी प्राचार्य) जनहित में पद पर बनाए रखना उचित नहीं है। डॉ आरती प्रभारी प्राचार्य द्वारा किए गए कृत्य के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
लाइब्रेरी में मौजूद थीं ब्रिटिशकालीन किताबें
लाइब्रेरी सहायक बिलाल अहमद की ओर से चिरमिरी थाना में 26 मई 2022 को रिपार्ट दर्ज कराई गई थी। लाइब्रेरी में चोरी होने की लिखित आवेदन पत्र सौंपा गया था। इसमें बताया गया था कि लाहिड़ी महाविद्यालय के पुराने ग्रंथालय में चोरी की 17 मई 2022 को जानकारी मिली।
कॉलेज के स्टाफ अशोक मानिकपुरी ने सुबह बताया कि पुराने ग्रंथालय में कुछ हुआ है। उसके बाद पुराने ग्रंथालय में जाकर देखने पर लोहे के ग्रिल का ताला व लकड़ी का दरवाजा टूटा हुआ था। बाहर से देखने पर अलमारी से सारी पुस्तकें चोरी कर ली गई थीं। हालांकि आवेदन में किताबों की संख्या और कीमत का उल्लेख नहीं किया गया था।
पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 380, 457 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। गौरतलब है कि लाइब्रेरी में ब्रिटिशकालीन किताबें तक मौजूद थीं। जिनकर रिफरेंस में स्टूडेंट्स को जरूरत पड़ती है।
अविभाजित मध्यप्रदेश में वर्ष 1953 में शासकीय लाहिड़ी स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्थापना हुई थी। जहां से 50 हजार से ज्यादा किताबें चारी होने का मामला सामने आया था।
ज्वाइनिंग के बाद से नहीं आ रही कॉलेज
लाहिड़ी कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. आरती तिवारी को शासन ने निलंबित करने के बाद उनका मुख्यालय गल्र्स कॉलेज बैकुंठपुर निर्धारित किया था। लेकिन वे लगातार अनुपस्थित हैं। उन्होंने निलंबन के बाद हमारे यहां ज्वाइनिंग की थी। उसके बाद से कॉलेज नहीं आ रही हैं।
डॉ रंजना नीलिमा कच्छप, प्राचार्य शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय बैकुंठपुर
ज्वाइनिंग के बाद से नहीं आ रही कॉलेज
लाहिड़ी कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. आरती तिवारी को शासन ने निलंबित करने के बाद उनका मुख्यालय गल्र्स कॉलेज बैकुंठपुर निर्धारित किया था। लेकिन वे लगातार अनुपस्थित हैं। उन्होंने निलंबन के बाद हमारे यहां ज्वाइनिंग की थी। उसके बाद से कॉलेज नहीं आ रही हैं।
डॉ रंजना नीलिमा कच्छप, प्राचार्य शासकीय नवीन कन्या महाविद्यालय बैकुंठपुर