छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन के बैनर तले पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 21 अगस्त से डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिला मुख्यालय में प्रदर्शन के बाद रायपुर में धरने पर बैठे हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाएं बेपटरी हो गई है। हालांकि राज्य सरकार ने हड़ताल पर एस्मा लगा रखा है।
मामले में कलक्टर व सीएमएचओ ने स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस जारी कर ड्यूटी पर लौटने निर्देश दिए थे। बावजूद हड़ताली डॉक्टर्स व स्टाफ नहीं लौटै थे। मामले में संयुक्त संचालक स्वास्थ्य ने कहा कि ड्यूटी पर नहीं लौटने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित है।
एमसीबी सीएमएचओ ने 20 स्टाफ नर्स व ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक को निलंबित कर दिया है। इसमें गौरव त्रिपाठी मलकडोल, द्वारिका प्रसाद सिंह मैनपुर, जितेंद्र पांडेय चांटी, मनीष पांडेय मेरा, दीपक पटेल चिरमिरी, वर्षा पटेल कुरासिया, पुनीता कुजूर जिल्दा, रिंकी गुप्ता कोरिया, कमल ओझा हल्दीबाड़ी, चंद्रकला साहू कटकोना सहित अन्य शामिल हैं।
कोरिया में ड्यूटी ज्वॉइन करने लगे क्लास-वन डॉक्टर्स
कोरिया जिले में करीब 12 दिन तक हड़ताल में रहने के बाद क्लास-वन डॉक्टर्स ड्यूटी ज्वाइन करने लग गए हैं। शनिवार को कई डॉक्टर्स ओपीडी में इलाज करते नजर आए। हालांकि अधिकांश मेडिकल ऑफिसर और नर्सिंग स्टाफ अभी तक नहीं लौटे हैं। दूसरी ओर सीएमएचओ ने कलक्टर से अनुमोदन करा 84 आरएचओ को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
ये हैं प्रमुख मांगें
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन का कहना है कि प्रमुख मांगों में शासन द्वारा घोषणा पत्र सहित स्वास्थ्य कर्मियों की वेतन विसंगति सुधारने, कोविड में लगे अमले को विशेष कोरोना भत्ता देने, वेतन विसंगति से जूझ रहे कई कैडर जैसे स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी, नर्सिंग कैडर की वेतन विसंगति दूर करना सहित अन्य शामिल हैं।
जनरल अवकाश एवं अन्य अवकाश में भी स्वास्थ्यकर्मी को कार्य करना पड़ता है। अन्य विभाग में मुख्यमंत्री ने शनिवार को अवकाश दिया है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में अवकाश मिलना भी मुश्किल होता है।