वर्ष 2010 में शिक्षाकर्मी वर्ग-2 की भर्ती हुई थी। इस दौरान अशोक कुमार साहू पिता तेजीलाल साहू की स्नातक की अंकसूची में विषय के नाम परिवर्तित कर नौकरी लगी थी। इसकी शिक्षाकर्मी वर्ग-2 अंग्रेजी के पद पर पूर्व माध्यमिक शाला खाड़ाखोह भरतपुर, शिक्षाकर्मी वर्ग-2 सुरेश कुमार साहू पिता अवध बिहारी साहू को पूर्व माध्यमिक शाला बरौता भरतपुर, मोनिका साहू पिता रामसरेख साहू की भरतपुर के ही एक स्कूल में पदस्थापना (Shikshakarmi dismissed) की गई थी।
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आधी रात किसी से मोबाइल पर बात कर रही थी युवती, अचानक शोर सुनकर पड़ोसियों ने तोड़ा दरवाजा तो ऐसा था नजारा मामले की शिकायत मिलने के बाद तीनों की अंकसूची को गुरु घासीदास विश्वविद्यालय जांच व सत्यापन कराने भेजा गया था। इसमें विश्वविद्यालय की जांच कमेटी द्वारा शिक्षाकर्मियों की अंकसूची में अंकित विषयों में छेड़छाड़ कर नाम परिवर्तित करने का खुलासा किया गया। मामले में विश्वविद्यालय की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिला पंचायत सामान्य प्रशासन की बैठक में प्रस्ताव पारित कर इस्तीफा नामंजूर कर सीधे बर्खास्त कर दिया गया है।
जिला पंचायत ने स्पष्टीकरण मांगा, फिर इस्तीफा सौंपा था
जिला पंचायत ने 13 मई 2019 को नोटिस जारी कर 20 मई को उपस्थित होकर अंकसूची के संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा था। नोटिस जारी होने के बाद शिक्षाकर्मियों ने 21 मई को अपना इस्तीफा सौंपा था। मामले में जिला पंचायत सामान्य प्रशासन समिति ने इस्तीफा नामंजूर कर उन्हें बर्खास्त (3 Shikshakarmi dismissed) कर दिया है।
जिला पंचायत ने स्पष्टीकरण मांगा, फिर इस्तीफा सौंपा था
जिला पंचायत ने 13 मई 2019 को नोटिस जारी कर 20 मई को उपस्थित होकर अंकसूची के संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कहा था। नोटिस जारी होने के बाद शिक्षाकर्मियों ने 21 मई को अपना इस्तीफा सौंपा था। मामले में जिला पंचायत सामान्य प्रशासन समिति ने इस्तीफा नामंजूर कर उन्हें बर्खास्त (3 Shikshakarmi dismissed) कर दिया है।
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जिला पंचायत सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में प्रस्ताव पारित कर भविष्य में होने वाली नियुक्ति के लिए दोषी शिक्षाकर्मियों को अयोग्य घोषित कर दिया है।
नियुक्ति आदेश की शर्त कंडिका 3 के प्रावधान एवं छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन तथा अपील) नियम 1999 के नियम 5 ख के तहत दीर्घ शास्ति से दंडित करते हुए सेवा से तत्काल प्रभाव से बर्खास्त (Shikshakarmi dismissed) करने का उल्लेख किया गया है। वहीं भविष्य में होने वाले नियोजन (नियुक्ति) के लिए भी अयोग्य घोषित किया गया है।
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