इनकी लगभग 5 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर यूरेनियम की मौजूदगी का पता हेलीबोन भू भौतिकी सर्वेक्षण के तहत करने की योजना है। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य शासन के जरिए जिला प्रशासन को सूचना भेजी गई है। जिन इलाकों में सर्वे किया जाना है उसका दायरा भी निर्धारित किया गया है। बताया जाता है कि परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय इन दोनों गांवों में यूरेनियम की पुष्टि होने पर उपयोग भी खुद ही करेगा।
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यहाँ भारत के विभिन्न भागों में डी.ई.ए. द्वारा यूरेनियम अन्वेषण को दर्शाने वाला चार्ट दिया गया है। यह चार्ट छह क्षेत्रों: आंध्र प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, कर्नाटक, मेघालय और तेलंगाना में मीट्रिक टन में खोजे गए यूरेनियम की मात्रा को दर्शाता है।लिथियम के सर्वे का दायरा बढ़ा
जिले में लीथियम का पता चलने के बाद केंद्र सरकार ने इसके सर्वे का दायरा बढ़ा दिया है। अब लिथियम का सर्वे लगभग 5 हजार हेक्टेयर जमीन (Uranium in CG) पर किया जाएगा। जिन गांवों में लिथियम का सर्वे होना है उसमें बावापारा, नवापारा, गुरुभाठा, दर्राभाठा, बरपनटोला, पंडरिया, गंगपुर के अलावा कटघोरा के पास स्थित ग्राम रामपुर और छुरी के निकट स्थित छुरी और जेंजरा शामिल हैं। इनमें लीथियम का सर्वे जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा किया जाएगा। भौमिकी रायपुर के संयुक्त संचालक संजय कन्तने ने बताया – खजिन तत्व की तलाश के लिए आने वाले दिनों में सर्वे होनी है। इस पर अगस्त में एक सेमीनार का आयोजन भी रायपुर में किया गया है।