ये है तीसरी परियोजना जो रायगढ़ को जोड़ेगी कोरबा से
खरसिया से धरमजयगढ़ तक 104 किलोमीटर नई लाइन पर काम चल रहा है। दूसरे चरण में धरमजयगढ़ से उरगा के बीच 63 किलोमीटर नई लाइन पर काम अब शुरू होगा। पहले चरण की लागत लगभग 3055 करोड़ व द्वितीय चरण की लागत 1686 करोड़ है। धरमजयगढ़ से उरगा के बीच 06 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं। जिले से बड़े पैमाने पर लोग रायगढ़ के लिए सफर करते हैं। लेकिन फिलहाल कोरबा से रायगढ़ जाने वाले यात्रियों के लिए सीधे तौर पर कोई भी सुविधा मौजूद नहीं है।
रेलवे का फोकस कोयला लदान पर, यात्री ट्रेनें मिले तब बात बने
किसी भी नई रेल लाईन के विस्तार का केन्द्र बिन्दु कोयला खदानो से पावर प्लांट को ज्यादा से ज्यादा कोयला पहुंचाना होता है। विडंबना ही है कि यात्री सुविधाओं से ज्यादा तवज्जो अक्सर माल ढुलाई को ही दिया जाता है। 24 सितंबर को केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कोरबा-रायपुर सूपरफास्ट ट्रेन की घोषणा की है। लेकिन यह शुरू कब से होगी इसकी कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं है। क्षेत्रवासियों को फिर से बेसब्री से इस एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार है। हालांकि शुक्रवार को सोशल मीडिया में 6 अक्टूबर से कोरबा-रायपुर एक्प्रसे ट्रेन के शुरू होने का मैजेस वायरल हुआ था।
34 रैक औसत डिस्पैच, एक दिन का भाड़ा 10 करोड़
वर्तमान में जिले से औसतन 34 रैक कोयले का डिस्पैच प्रतिदिन किया जा रहा है। पीक सीजन में यह औसत 40 से 45 तक भी पहुंच जाता है। एक रैक में 58 वैगन होते हैं। प्रत्येक वैगन में औसतन 87 टन कोयला भरा जाता है। राज्य के बाहर कोयल से लदी प्रत्येक रैक के परिवहन के एवज में रेलवे को 30 लाख रूपए का भाड़ा एसईसीएल से प्राप्त होता है। जिसका अर्थ यह हुआ कि जिले में केवल कोयला लदान से ही रेलवे को हर दिन औसतन 10 कराड़ 20 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त होता है।
-मंत्री जी ने एक्सप्रेस ट्रेन की घोषणा की है। जोकि जल्द ही शुरू हो जाएगी। कब से शुरू होगी इसकी तिथि के विषय में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है।
-डॉ. बशीलाल महतो, सांसद, कोरबा
-डॉ. प्रकाश सेन त्रिपाठी, सीपीआरओ, एसईसीआर जोन