टाटी नाला पुल धंसा, एप्रोच रोड में दरार, ब्लॉक मुख्यालय से 50 गांवों का संपर्क टूटा
कोरबा. विकासखंड मुख्यालय पाली को रतनपुर से जोडऩे वाला मार्ग पर बना टाटी नाला पुल धंस गया। एप्रोच रोड में भी लंबी दरार पड़ गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशासन ने पुल से होकर आवागमन को रोक दिया है। इससे विकासखंड मुख्यालय से लगभग 50 गांवों का सम्पर्क सीधे तौर पर टूट गया है। पाली से पोड़ी बतरा होकर रतनपुर की ओर जाने वाली मार्ग पर टाटी नाला स्थित है। इस नाले पर अविभाजित मध्यप्रदेश के समय एक पुल बनाया गया था। गुरुवार रात पुल धंस गया। पुल को जोडऩे वाले मार्ग में भी लंबी दरार पड़ गई। शुक्रवार सुबह स्थानीय लोगों की नजर पुल और एप्रोच रोड की दरार पर पड़ी।
सूचना पर आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में पुल के करीब एकत्र हुए। क्षेत्र के विधायक और जिला प्रशासन को अवगत कराया। विधायक मोहित केरकेट्टा ने घटना स्थल पर पहुंचकर जानकारी ली। राजस्व विभाग के अफसर भी दोपहर बाद मौके पर पहुंचे। पुल और एप्रोच रोड की स्थिति को देखकर आवागमन को बंद करा दिया। पुल धंसने और एप्रोच रोड में दरार पडऩे से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। ब्लॉक मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है।
भारी वाहनों का दबाव और तेज बारिश को माना जा रहा कारण घटना का कारण स्पष्ट नहीं है। बताया जाता है कि पुल का निर्माण 30 से 35 साल पहले किया गया था। निर्माण एजेंसी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को बताया गया था। तब भी गांव के लोगों ने पुल निर्माण में गुणवत्ता की कमी का आरोप लगाया था, शिकायत भी की थी। इसके बाद भी प्रशासन ने मामले की जांच नहीं कराई। पुल की स्थिति पहले से खराब थी। इस बीच राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 111 की हालत पाली से बिलासपुर के बीच जर्जर हो गई। सड़क पूरी तरह उखड़ गई। मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए।
बारिश के मौसम में गड्ढों में पानी भर गया। इससे सड़क पर छोटी-बड़ी गाडिय़ां फंसने लगी। मार्ग आए दिन जाम होने लगा। इससे बचने के लिए वाहन चालकों ने गाडिय़ों की दिशा बदल दी। बिलासपुर से पाली आने के लिए रतनपुर- बतरा- पोड़ी मार्ग का उपयोग करने लगे। इसी मार्ग से बस, ट्रक और अन्य मालवाहक गाडिय़ां भी चलने लगी। इससे पुल पर दबाव कई गुना बढ़ गया था। इस बीच सिंतबर के पहले पखवाड़े में पाली में झमाझम बारिश हुई। टाटी नाला उफान पर था। नाले पर बना पुल का कॉलम धंस गया। मिट्टी का कटाव हुआ। पुल धंसने से एप्रोच रोड में भी दरार पड़ गई।
सात किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पोड़ी, पाली पहुंचने में 25 किलोमीटर का सफर ग्रामीणों की परेशानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ग्राम पोड़ी से पाली की दूरी लगभग सात किलोमीटर है। अब पोड़ी से पाली पहुंचने के लिए ग्रामीणों को लगभग 25 किलोमीटर का सफर मड़वा, मुढाली सैला होकर तय करना पड़ेगा। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र की लगभग 50 हजार आबादी रोजमर्रा की जरुरत को पूरी करने के लिए ब्लॉक मुख्यालय पाली पर निर्भर है। अस्पताल, राजस्व न्यायाल और अन्य सरकारी कामों के लिए पाली आना-जाना पड़ता है।
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