जारी किए गए आदेश के अनुसार केवल आठवीं की कक्षाएं शुरू करने के लिए प्रधानपाठक को शाला विकास समिति या जनभागीदारी समिति सहमति ली जाएगी। प्रधानपाठक शाला विकास समिति और जनभागीदारी समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में सहमति लेंगे। यदि बैठक में कक्षाओं के संचालन की सहमति नहीं बन पाती है तो , ऐसी स्थिति में ऑनलाईन कक्षाओं की व्यवस्था की जाएगी।
सेनेटाइजेशन किया जाना अनिवार्य
प्रशासन की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार कक्षाएं लगाने के पहले कमरों को अच्छी से सेनेटाइज किया जाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को मास्क लगाना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना होगा।
किसी भी विद्यार्थी को यदि सर्दी खांसी बुखार हो तो उसे कक्षा में बैठने की अनुमति स्कूल प्रबंधन की ओर से नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही सभी स्कूलों में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय समय पर जारी कोविड संबंधी निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के बाद प्रशासन ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को सात जनवरी को बंद कर दिया था। इसमें प्राथमिक विद्यालय में भी शामिल थे। अब जब जिले धीरे धीरे वायरस के संक्रमण की रफ्तार कमजोर पड़ रही है प्रशासन की ओर से राहत दी जा रही है। इसी कड़ी में स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर के आदेश से संबंधित पत्र सभी स्कूलों को भेज दिया गया है।
ठप हो गई थी ऑनलाइन पढ़ाई
स्कूल बंद होने के बाद प्रशासन की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने के लिए सभी शिक्षकों को कहा गया था। निजी विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थीं। लेकिन सरकारी विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं बंद हो गई थी। इसका सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा था। रविवार की अंक में छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहे असर को लेकर पत्रिका ने खबर प्रकाशित किया था। इसे कलेक्टर ने गंभीरता से लिया। सोमवार को आठवीं से १२ वीं तक स्कूलों को खोलने का आदेश दिया।