इस बीच संजय दिवाकर ने राजस्व निरीक्षक और पटवारी के कार्यालय का कई बार चक्कर लगाया लेकिन दोनों 15 हजार रुपए लिए बिना जमीन के सीमांकन के लिए तैयार नहीं हुए। तब संजय ने इस मामले को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया। संजय बिलासपुर पहुंचा और उसने रिश्वत मांगे जाने की लिखित शिकायत दर्ज कराया। इसके बाद एसीबी की टीम हरकत में आई और रिश्वत लेने वाले को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई गई।
जाल में फंसे आरोपी
एसीबी से प्राप्त निर्देशों के आधार पर संजय राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर और हल्का पटवारी धीरेंद्र लाटा से मिलने पहुंचा। 13 हजार रुपए में जमीन सीमांकन के लिए धीरेंद्र लाटा काफी मोल भाव करने के बाद तैयार हुआ। एसीबी के बिछाए जाल में जब अश्वनी और धीरेंद्र फंस गए तब बुधवार को एसीबी की टीम कोरबा पहुंची। टीम ने जमनीपाली क्षेत्र में संजय को 5000 रुपए देकर पटवारी धीरेंद्र लाटा के पास भेजा। धीरेंद्र लाटा ने इस पैसे को ले लिया। एक अन्य टीम संजय के साथ अश्वनी राठौर के पास पहुंची। अश्वनी के लिए संजय के जरिए 8000 रुपए घूस भेजा गया। इस राशि को अश्वनी ने ले लिया। इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम ने अश्वनी को पकड़ लिया। पटवारी धीरेंद्र और राजस्व निरीक्षक अश्वनी से रिश्वत की 13 हजार रुपए को जब्त किया गया। पूछताछ के लिए टीम ने दोनों को हिरासत में लिया और देर रात तक दर्री क्षेत्र में उनसे पूछताछ जारी है। एसीबी ने इस मसले को लेकर एक प्रेस नोट जारी किया है इसमें बताया है कि आरोपियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7-12 के तहत केस दर्ज किया गया है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार को एसीबी की टीम घूस लेते पकड़े गए दोनों आरोपियों को कोरबा के स्पेशल कोर्ट में पेश करेगी। यहां से न्यायिक रिमांड की मांग करेगी।
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आरआई और पटवारी बोलने से बच रहे
बताया जाता है कि अश्वनी राठौर के पास नजूल कार्यालय के राजस्व निरीक्षक का अतिरिक्त प्रभार भी था। जब से एसीबी ने राठौर और पटवारी को गिरफ्तार किया है राजस्व विभाग के कर्मी सते में हैं।दोनों के घर में घुसी एसीबी की टीम, तलाशी जारी
राजस्व निरीक्षक अश्वनी और पटवारी धीरेंद्र को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी की टीम ने उनसे पूछताछ किया और दोनों को लेकर उनके आवास पहुंची। टीम की ओर से जारी एक प्रेसनोट में बताया गया कि आरआई और पटवारी के निवास की तलाशी ली जा रही है। घर में मौजूद दस्तावेजों के साथ-साथ उनका वर्तमान कीमत भी निकाला जा रहा है। एसीबी को संदेह है कि रिश्वत लेते पकड़े गए आरोपियों के पास आय से अधिक संपत्ति भी हो सकता है। इसी की तहकीकात करने के लिए एसीबी की टीम उनके घर गई है। एसीबी की इस कार्रवाई से दोनों आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई है वहीं परिवार के लोग भी परेशान हैं। तीन माह के भीतर यह दूसरा मौका है जब एसीबी की टीम कार्रवाई करने कोरबा जिले में आई है।