पुलिस ने हत्या (Murder) के आरोप में राधेलाल के दामाद ताम्रध्वज चन्द्रा (28) और उसके साथी रामसिंह सिदार को गिरफ्तार किया था। दोनों जांजगीर-चांपा जिले के डभरा स्थित ग्राम बरतुंगा के निवासी हैं। घटना की रात दोनों चलकर बालकोनगर पहुंचे थे। दपति ने दोनों को खाना बनाकर भी खिलाया था। रात लगभग दो बजे हत्या की घटना को अंजाम दिया था। मामले की सुनवाई कोरबा की स्पेशल कोर्ट में चल रही थी। न्यायाधीश योगेश पारीक की अदालत ने ताम्रध्वज और रामसिंह को सबूतों के आधार पर हत्या (Murder) का दोषी माना। दोनों को हत्या का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा दी।
इसलिए दिया था घटना को अंजाम
ससुराल पक्ष आर्थिक रूप से संपन्न होने के कारण दामाद ताम्रध्वज हीनभावना से ग्रसित था। सास-ससुर की मौत के बाद संपत्ति बंटवारे में उसकी पत्नी को भी संपत्ति का हिस्सा मिलता। इसलिए उसने सास-ससुर की हत्या (Murder) की थी।
पत्नी की हत्या की भी बनाई थी योजना
सास-ससुर से संबंध अच्छे नहीं होने के साथ ही पत्नी से भी ताम्रध्वज के रिश्ते ठीक नहीं थे। सास-ससुर की हत्या के बाद पत्नी की हत्या (Murder) करने की भी योजना बना रखी थी।