अतिरिक्त लोक अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार ध्रुव ने बताया कि पिछले साल 13 जून को 8 साल की बच्ची घर के बाहर घूम रही थी। इस बीच उस पर एक व्यक्ति की नजर पड़ी। उसने बच्ची को अपने पास बुलाया। घर ले जाकर बच्ची को बाथरूम में बंद कर दिया। रस्सी से बच्ची के हाथ-पैर को बांध दिया। उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के प्राइवेटपार्ट से हैवानों जैसा व्यवहार किया। बच्ची घर लौट गई। दो-तीन दिन तक बच्ची ने मामले को दबाए रखा। इस बीच बच्ची के प्राइवेटपार्ट में दर्द हुआ। उसने घटना की जानकारी अपनी मां को दी।
Crime News: मां की पूछताछ में मामले का खुलासा हुआ। परिवार की ओर से पुलिस को सूचना दी गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी पर आईपीसी की धारा 376 ख, 342 एवं लैंगिग अपराध से बालको का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत केस दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मामले की सुनवाई कोरबा के फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी। अपर सत्र न्यायाधीश विक्रम प्रताप चंद्रा की अदालत ने आरोपी जगन्नाथ प्रसाद कर्ष 72 वर्ष को बच्ची से दुष्कर्म का दोषी ठहराया। उसे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।