आजाद सिंह उम्र 46 वर्ष पिता लाल सिंह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन त्रिपुरा राइफल्स में कार्यरत था। शुक्रवार की रात आजाद सिंह की ड्यूटी उसके एक अन्य साथी परेश ओरांग के साथ कुसमुंडा खदान के कोल स्टॉक नंबर-29 में लगाई गई थी। ड्यूटी के दौरान त्रिपुरा राइफल्स की ओर से आजाद सिंह को एके-47 बंदूक प्रदान किया गया था। आजाद सिंह और परेश ओरांग ड्यूटी के लिए बनाए गए प्वाइंट पर बैठे थे। इस बीच रात के करीब 10 बजे थे। आजाद अपने मोबाइल फोन से बात कर रहा था। यह देखकर उसका साथी परेश ओरांग ड्यूटी के लिए बनाए गए शेड से उठकर कुछ कदम आगे बढ़ गया।
आजाद मोबाइल फोन पर लगातार बातें कर रहा था और जिससे वह बात कर रहा था उससे दोनों के बीच मोबाइल पर तीखी बहस हो रही थी। दोनों के बीच मोबाइल पर विवाद हो ही रहा था कि अचानक ओरांग के कानों तक बंदूक के चलने की आवाज आई। ओरांग दौड़ते हुए ड्यूटी के लिए बनाए गए शेड में पहुंचा तब उसने देखा कि आजाद जमीन पर गिरा पड़ा है और उसके शरीर से खून बह रहा है। परेश ने घटना की सूचना त्रिपुरा राइफल्स के वरिष्ठ अधिकारियों को दिया।
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