जिले के लिए अब तक सुखद पहलू है कि कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मरीज नहीं मिले हैं, लेकिन मार्च माह में विदेश व विभिन्न प्रदेशों का दौरा कर लौटे हुए लोगों को चिन्हांकित किए जा रहे हैं। सैंकड़ों मकान के दरवाजे पर पर्चा चस्पा कर लगभग ढाई हजार से अधिक लोगों को बंद कर दिया गया है। साथ ही स्थानीय व आसपास के लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
दरअसल दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण बढऩे के बाद से बड़ी संख्या में लोग वापस अपने घर लौटे रहे थे। इस दौरान सैंकड़ों की संख्या में लोग कोरबा आए हुए हैं। इसके बाद से सड़क व रेल मार्ग को पूरी तरह से बंद किया गया था। इसमें से अधिकांश लोग विभिन्न प्रदेशों में मजदूरी व विभिन्न संस्थाओं में कार्यरत थे। यहां आने के बाद से लोग अपनी जानकारी छिपा रहे हैं। इससे उसका, उसके परिवार सहित आसपास के लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है।
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दीपका में विदेश से लौटा छात्र, बेंगलुरू और केरल से भी आए लोग, कोरोना को लेकर स्थानीय लोगों में दहशत जिला प्रशासन इनकी पड़ताल कर रही है। विशेष निगरानी में रखी गई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अभी तक जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के सैंकड़ों मकानों को सील किया है। सभी को होम आइसोलेट किया गया है। साथ ही उनके परिवार को बाहर निकलने व किसी से भी मिलने से मना किया गया है। इसमें से कोसाबाड़ी, टीपी नगर, निहारिका, पुरानी बस्ती, सीतामणी सहित अन्य क्षेत्रों के कई मकानों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। इसके अलावा उप नगरीय क्षेत्र गेवरा, दीपका, बालको, कटघोरा व ग्रामीण क्षेत्र के कई मकान शामिल हैं।कोरोना के लक्षण पर तत्काल दे सूचना
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिन मकानों को होम आइसोलेट किया है। उस मकान के किसी भी सदस्य में सर्दी, खासी, बुखार सहित अन्य कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण होने पर तत्काल सूचना देने की सलाह दी गई है। साथ ही लोगों को उनके आसपास के मकान में बाहर से आए लोगों की जानकारी देने की अपील कर रही है।