कोरबा

Hit and Run: कोरबा में हिट एंड रन के 129 केस, ढाई साल में 50 से ज्यादा की मौत, नहीं हुई आरोपियों की गिरफ्तारी

Hit and Run: टक्कर किसने मारा, आरोपी कौन था, कहां से आ रहा था, गाड़ी कौन सी यह राज ही रह गया। अपनों की मौत के आरोपियों को सजा नहीं दिला पाने का अफसोस..

कोरबाDec 02, 2024 / 05:52 pm

चंदू निर्मलकर

CG Hit and Run case: दो साल पांच महीने में हिट एंड रन के 129 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। कई लोग घायल हुए हैं। टक्कर किसने मारा, आरोपी कौन था, कहां से आ रहा था, गाड़ी कौन सी यह राज ही रह गया। अपनों की मौत के आरोपियों को सजा नहीं दिला पाने का अफसोस आज भी उन परिजनों को है। जिन आरोपियों ने हादसों को अंजाम दिया उनके दामन आज भी पाक साफ हैं।

Hit and Run: पुलिस के सामने कई तरह की चुनौती

हिट एंड रन के इन केस में पुलिस के सामने कई तरह की चुनौती सामने आती है। कई घटनाओं की जानकारी हादसे के कुछ घंटों बाद पुलिस को मिलती है जब तक पुलिस खोजबीन शुरु करती है तब तक आरोपी वाहन चालक जिले से बाहर जा चुका होता है तो कभी घटना का कोई चश्मदीद नहीं होता है। इससे ये पता चल सके कि किसने घटना को अंजाम दिया। बीते दो साल पांच महीने में ऐसे 129 हादसे हो चुके हैं जिनमें 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। जिन परिवार ने अपनों को हिट एंड रन में खोया है वे आज भी इस आस में है गुनाहगारों को सजा मिलें।
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जटिल कागजी प्रक्रिया भी मुआवजे में बाधा

मुआवजा मिलने में जटिल कागजी प्रक्रिया से गुजरना होता है। एफआईआर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, आश्रित का पासबुक, आधार कार्ड और संबंध प्रमाण पत्र के रूप में पारिवारिक सूची आवेदन के साथ देनी होती है। पारिवारिक सूची मुखिया की अनुशंसा फिर सीओ द्वारा निर्गत किया जाता है। दूसरी ओर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए भी लोगों को थाने का चक्कर काटना पड़ता है। पुलिस भी काम के बोझ से इतनी दबी रहती है कि उनके लिए एक-एक मामलों की जांच मुश्किल होती है।

पुलिस की विवेचना में भी रह जाती है कमी

हिट एंड रन के कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें पीड़ित परिवार जांच कराना चाहते हैं। परिवारों का कहना है कि घटना के बाद उस मार्ग से गुजरे वाहनों को सीसीटीवी के फुटेज में समय के आधार पर पूछताछ या फिर जांच की जाए तो आरोपी पकड़ में आ सकते हैं।

छोटी गाड़ियों को टक्कर मारने के बाद भाग जाते हैं बड़े वाहनों के चालक

जिले में सड़क दुर्घटनाओं की संया में लगातार इजाफा हो रहा है। हर साल दुर्घटनाओं में वृद्धि दर्ज की जा रही है। सड़क दुर्घटना में मारे जाने वाले लोगों की संया भी बढ़ती जा रही है। अक्सर दोपहिया गाड़ियों को टक्कर मारने के बाद भारी गाड़ियों के चालक मौके से फरार हो जाते हैं। इनकी पहचान कर पकड़ना पुलिस के लिए हमेशा चुनौती बना रहता है। इसके पीछे बड़ा कारण किसी प्रत्यक्षदर्शी का सामने नहीं आना होता है।

जानें हिट एंड रन के कहां कितने मामले

रायपुर 318

बिलासपुर 187

कोरबा 129

जांजगीर-चांपा 94

रायगढ़ 185

सरगुजा 117

कोरिया 32

मुंगेली 10

सूरजपुर 64
गोरेला-पेंड्रा-मरवाही 18

सक्ती 38

एमसीबी 19

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