कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने देव दीपावली धूमधाम से मनाया। हसदेव नदी के तट पर 11 हजार दीप प्रज्जवलित किये गए। इसमें बड़ी संख्या में आसपास से आए श्रद्धालु शामिल हुए। देव दीपावली में लगाई गई रंग-बिरंगी लाइटें लोगों के आकर्षण का केंद्र रही।
शाम पांच बजे से पहले ही सर्वमंगला मंदिर स्थित हसदेव तट पर श्रद्धालुओं भीड़ जुटने लगी थी। नदी तट के दोनों हिस्सों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। शाम 6.45 बजे हसदेव नदी की महाआरती शुरू हुई। ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार के साथ शंखनाद किया। 51 लीटर दूध से नदी की दुग्धाभिषेक हुई। 51 मीटर लंबी चुनरी चढ़ाई गई। इसके बाद भव्य महाआरती की शुरूआत की गई। ब्राम्हणों ने चारों दिशाओं की महाआरती की।
इस क्षण को देख हजारों श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। महाआरती को टकटकी लगाए देखते रहे। आतिशबाजी और लेजर लाइटों की रोशनी से हसदेव नदी तट और आसमान सतरंगी रुप में नजर आया। देव दीपावली को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा गया। प्रवाहित जल में दीपदान करने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। वहीं सैंकड़ों भक्तों ने तट पर मिट्टी के दीप प्रज्जवलित किए। महाआरती के बाद भक्तों का प्रसाद वितरण किया गया। भक्ति गीतों पर भक्त झूम उठे। यह भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। कार्तिक पूर्णिमा पर सोमवार की सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हसदेव नदी सहित जलाशयों में दीपदान किया।