यह भी पढ़ें: Patrika Raksha Kavach: पटवारी की नौकरी लगाने के नाम पर 10 लाख रूपए की धोखाधड़ी, थमाया फर्जी नियुक्ति पत्र मंत्री नेताम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कर्ज की राशि माफ नहीं होगी। जिन लोगों ने महिलाओं के साथ धोखाधड़ी की है, उनसे राशि की वसूली कर पीड़ितों को लौटाया जाएगा। दरअसल, मंत्री रामविचार नेताम कोरबा के वनवासी कल्याण आश्रम में आयोजित गौरा पूजा महोत्सव एवं पुजारी सम्मेलन में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। कार्यक्रम में सम्मिलित होने के बाद जैसे ही मंत्री मंच से नीचे उतरे उनके साथ महिला निवेशक भी पहुंच गईं।
आयोजन स्थल के मेनगेट पर कब्जा
महिला निवेशक मंत्री नेताम से बात करना चाहती थीं लेकिन सुरक्षा में तैनात पुलिस ने मंत्री को गाड़ी में बैठा दिया। उनके काफिले को आगे बढ़ाने की कोशिश की। इसके पहले कि मंत्री आगे निकलते, महिला निवेशकों ने उनके काफिले को चारों ओर से घेर लिया। भीड़ इतनी अधिक हो गई कि मंत्री का काफिला न तो आगे बढ़ पा रहा था और न ही पीछे। मौके पर उपस्थित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूवीएस चौहान ने महिलाओं को हटाकर मंत्री के काफिले को आगे बढ़ाने का प्रयास किया लेकिन महिलाएं मानने को तैयार नहीं हुईं। मंत्री भी गाड़ी से नीचे नहीं उतर रहे थे। मामला इतना बढ़ गया कि महिलाओं ने वनवासी कल्याण आश्रम के मेनगेट को जाम कर दिया। लगभग 500 की संख्या में महिलाएं गेट के अंदर-बाहर बैठ गईं। मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। कलेक्टर अजीत वसंत और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी मौके पर पहुंचे। महिलाएं बातचीत किए बिना मंत्री के लिए रास्ता खोलने को तैयार नहीं थीं। तब प्रशासन ने मंत्री से बातचीत किया और उन्हें महिलाओं के साथ चर्चा के लिए गाड़ी से नीचे उतारा।
किसी हाल में लोन की राशि माफ नहीं हो सकती
महिला निवेशकों ने मंत्री को बताया कि फ्लोरा मैक्स ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। कंपनी में निवेश के लिए महिलाओं को माइक्रो फायनेंस कंपनियों से कर्ज दिलाया गया। कर्ज की राशि फ्लोरा मैक्स में निवेश किया गया। कंपनी डूब गई है। महिलाओं ने मंत्री से मांग किया कि उनकी लोन की राशि को माफ किया जाए। लेकिन मंत्री ने दो टूक कहा कि लोन की राशि माफ नहीं हो सकती।ये है मामला
महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का झांसा देकर ठगों ने फ्लोरा मैक्स नाम से एक कंपनी का गठन किया। कोरबा के मॉल में इसके दफ्तर को खोला। यहां महिलाओं द्वारा उपयोग की जाने वाली सामग्री रखी गई। कंपनी में निवेश करने वाली महिलाएं यहां से सामान लेकर गांव-गांव में बेचती थीं। फ्लोरा मैक्स ने एक महिला को सदस्य बनाने के लिए 30 हजार रुपए लिया। जिन महिलाओं के पास राशि नहीं थी, उनके लिए फ्लोरा मैक्स में काम करने वाली महिला टीम लीडरों ने फायनेंस कंपनियों से लोन दिलवाया। यह राशि कंपनी में निवेश की गई। वादा किया गया कि कंपनी लोन की राशि की भरपाई करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ, कंपनी डूब गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार फ्लोरा मैक्स में लगभग 40 हजार महिलाओं का करीब 127 करोड़ रुपए डूबा है। इसी को लेकर महिलाएं नाराज हैं और लोन की राशि माफ करने की मांग कर रही हैं। वर्तमान में कंपनी के दो डायरेक्टर सहित 13 टीम लीडर महिलाएं जेल में हैं।