पुलिस ने सभी पर धोखाधड़ी के लिए साजिश रचने का केस दर्ज किया है। अखिलेश की गिरतारी के बाद केस में नामजद आरोपी बनाए गए 6 अन्य लोगों पर भी गिरतारी की तलवार लटक रही है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि ठगी की इस घटना में टीम लीडरों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। संचालक अखिलेश सिंह ने ठगी की इस घटना को अंजाम देने के लिए महिलाओं की एक टीम तैयार की और इन्हें लीडर बनाकर ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के बीच भेजा।
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टीम लीडर ने गांव में रहने वाली महिलाओं को बताया कि फ्लोरा मैक्स में निवेश करने पर उन्हें रोजगार मिल सकता है। टीम लीडरों ने ही ग्रामीण महिलाओं को अपने भरोसे में लिया और उनके नाम पर माइक्रो फायनेंस कंपनियों से 30-30 हजार रुपए का लोन सेंशन करवाया। लोन की यह पूरी राशि टीम लीडरों ने अपने पास रख लिया और इसे फ्लोरा मैक्स में जमा किया। प्रांरभिक जांच में पुलिस को यह भी पता चला है कि कई टीम लीडरों ने इसमें अपना स्वार्थ सिद्ध किया और कुछ पैसे अपने पास भी दबाए। पुलिस का कहना है कि सभी की भूमिका की जांच की जा रही है। जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां होंगीं। ठगी का यह नेटवर्क कोरबा के अलावा जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिलों में भी फैला हुआ है। डायरेक्टर के कोरबा पुलिस के गिरफ्त में आने के बाद से जांजगीर-चांपा जिले के दफ्तर में ताला लटका हुआ है। यहां की महिलाएं चिंतित हैं। उन्होंने भी बड़ी संख्या में फ्लोरा मैक्स में निवेश किया हुआ है।