यह भी पढ़ें: CG Crime: मनी हाइस्ट का प्रोफेसर नहीं सुधरा, जेल से छूटते ही फिर बेचने लगा ड्रग्स, 3.88 ग्राम एमडीएमए बरामद डॉ. मंजू ने 5 साल की रिसर्च के बाद साइबर अटैक फेल करने वाला एक ऐसा यूटिलिटी ऐप डिजाइन कर डाला, जिसकी मदद से डॉक्टर और मरीज के बीच की गोपनीय मेडिकल इन्फॉर्मेशन चुराई नहीं जा सकती। भविष्य की संभावनाओं के मद्देनजर इस ऐप को क्रिप्टोग्राफी तकनीक से विकसित कर और बेहतर बनाने का कार्य जारी है।
नए ऐप के बारे में डाॅ. मोहन मंजू ने बताया कि जब किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति की मेडिकल रिपोर्ट जनरेट होने के बाद किसी एक डाॅक्टर से दूसरे डाॅक्टर के पास पहुंचती है, तो ऑनलाइन सिस्टम में उसके मेन्युपुलेट होने का खतरा होता है। कोरोनाकाल में एम्स के सर्वर पर अटैक हुआ था, जिससे डाॅक्टर और पेशेंट दोनों का डेटा चोरी हो गया था।
इसे तकनीकी भाषा में हैक हो जाना कहते हैं। इस तरह के मामलों में किसी बड़ी शख्सियत की स्वास्थ्य संबंधी अहम जानकारी या बीमारी की बात बाहर आने उनके पीछे मार्केट के शेयर गिर सकते थे और बाजार पर नुकसान का बड़ा असर हो सकता था। इन्हीं कारणों को समझकर उन्होंने इस विशेष विषय को अपने शोध के लिए चुना और समाधान भी ढूंढ़ा।