गेवरा इलाके में एक ही दिन में हाथी हमले में 3 महिलाओं की मौत से ग्रामीणों में काफी नाराजगी है। वहीं वन विभाग लाचार नजर आ रहा है। हमले में जिन महिलाओं की मौत हुई है उसमें एक रलिया और दो खैरभौना की रहने वाली हैं। गुरुवार सुबह लोगों की दिनचर्या श्ुारू हो रही थी। लोग घरों से उठकर खेत-खलिहान की ओर जा रहे थे।
इसी बीच एक दंतैल हाथी (Elephant havoc) रलिया बाजार में पहुंच गया। मार्निंग वॉक पर जा रही एक महिला को दंतैल हाथी ने सूंड से पकडक़र नाली पर पटक दिया। महिला को गंभीर चोटें आई। यह देखकर बाजार के आसपास लोगों की नजर पड़ी और वे जोर-जोर से चिल्लाने लगे। आसपास के ग्रामीणों को भी अवगत कराया गया। परिवार को दंतैल के हमले की जानकारी मिली।
घायल महिला को परिवार के सदस्य कोरबा के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। मृतक की पहचान गायत्री राठौर पति स्व. मंगलचंद राठौर उम्र 48 वर्ष से की गई है। वह रलिया आंगनबाड़ी केंद्र में बतौर कार्यकर्ता काम करती थी। खैरभौना में हाथी ने रात को खदेडऩे के दौरान दो महिलाओं तीज कुंवर 63 वर्ष और सुरुजा 43 वर्ष बताई जा रही है।
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रलिया में दंतैल हाथी के आने की सूचना मिलते ही गांव के लोग दहशत में आ गए। इधर हाथी भी महिला को उठाकर पटकने के बाद आगे बढ़ गया और रलिया स्कूल के करीब पहुंच गया। यहां से होकर भिलाई बाजार तालाब तक आ गया। यह देखकर लोगों की चिंता बढ़ गई। स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी वन विभाग को दी। जब तक वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचते तब तक लोगों ने हाथी को रिहायशी इलाकों से दूर ले जाने का प्रयास खुद से शुरू कर दिया। इसी के तहत गांव के युवक अलग-अलग दोपहिया वाहनों में बैठकर हाथी का पीछा करने लगे। कोई बुलेट से आवाज निकाल रहा था तो कोई जोर-जोर से चिल्लाकर हाथी को दूर भगाने का प्रयास कर रहा था।
इसी कड़ी में दंतैल हाथी आगे की तरफ बढ़ता गया। एक स्थिति ऐसा भी आया जब हाथी भिलाईबाजार-रलिया की सडक़ पर तेजी से दौड़ते देखा गया। हाथी के सामने चार-पांच मवेशी भाग रहे थे और हाथी के पीछे गांव के युवक अपनी दोपहिया गाड़ी लेकर बढ़ रहे थे।
पंतोरा के रास्ते भिलाई बाजार तक पहुंचा हाथी
वन विभाग की ओर से बताया गया है कि दंतैल हाथी पिछले कुछ दिन से अपने झुंड से अलग होकर विचरण कर रहा है। यह हाथी कुछ दिन पहले धरमजयगढ़ के रास्ते कोरबा वनमंडल में दाखिल हुआ था। करताल विकासखंड में जंगल के रास्ते चलकर सक्ती होकर पंतोरा पहुंच गया और यहां से बुधवार की रात कटघोरा वनमंडल के अंतर्गत स्थित रलिया की ओर पहुंच गया। गुरुवार सुबह जानमाल को नुकसान पहुंचाने के बाद हाथी दिन भर रलिया के नर्सरी में ठहरा रहा। रात को इसे पाली-पड़निया के रास्ते आगे की खदेड़ा गया।
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हाथी के हमले में महिला की मौत की जानकारी मिलने पर कटघोरा के वनमंडल अधिकारी कुमार निशांत मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत कर उनके आक्रोश को शांत कराने की कोशिश की। ग्रामीण इस बात से नाराज थे कि उन्हें हाथी के आने की सूचना पूर्व में नहीं दी गई। जबकि वन विभाग का कहना था कि उसने गांव के सरपंच को इसकी जानकारी दी थी। डीएफओ ने ग्रामीणों से कहा कि हाथी को रिहायशी इलाकों से दूर रखने की पूरी कोशिश की जा रही है।