एसईसीएल की ओपन और अंडरग्राउंड कुल 65 खदानें हैं। खदानों में हादसे कम करने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं वे काफी नहीं है। बार-बार चूक हो रही है। जहां भारी वाहनों की एंट्री नहीं होनी चाहिए, वहां पर भारी वाहनों से हादसे हो रहे हैं। करोड़ों की महंगी मशीनों को नुकसान पहुंच रहा है। पहले की तुलना में फंड में कमी के चलते ये हादसे बढ़ रहे हैं।
इन खदानों में हो रहे सबसे ज्यादा हादसे
- – रजगामार खदान में पंप ऑपरेटर राधेश्याम की पांच जुलाई को हादसे में मौत हो गई थी। इसपर कंपनी ने 10.43 लाख का मुआवजा दिया।
- – दीपका खदान में ईपी फीटर लाल दास खरे की 29 सितंबर को हादसे में मौत हो गई थी। इसपर कंपनी ने 10.96 लाख का मुआवजा दिया।
- – कुर्जा ओपन कास्ट में ठेका मजदूर एमएस कंवर की 16 नंवबर को हादसे में जान चली गई थी। इस पर कंपनी ने 14.77 लाख का मुआवजा दिया गया।
- – दीपका खदान में ठेका मजदूर पारस यादव की 29 नंवबर को जान गई थी। इस पर कंपनी ने परिवार को 12.21 लाख का मुुआवजा दिया।
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