तीन माह में गेवरा खदान के भीतर फायरिंग की यह दूसरी घटना है। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की ओर से दीपका थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने बताया कि घटना गेवरा खदान क्षेत्र की है। रविवार की देर शाम लगभग सात बजे केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान बोलेरो में खदान के भीतर पेट्रोलिंग कर रहे थे।
गेवरा रोड हरदीबाजार बायपास मार्ग पर बाघा बार्डर प्वाइंट के पास खड़ी दो कैंपर और एक टाटा 407 पर सुरक्षा बल के जवानों की नजर पड़ी। गाडी पर लगभग 40 से 50 लोग सवार थे। सुरक्षा बल ने टर्च जलाया। इस बीच चोरों का गिरोह खदान के भीतर घुस गया। चोरों को भागने के लिए सुरक्षा बल की ओर से चेतावनी दी गई। लेकिन चोर नहीं भागे।
सुरक्षा बल का आरोप है कि चोरों ने पेट्रोलिंग टीम पर पत्थर से हमला कर दिया। इस घटना में सिपाही अनिल यादव को चोटें आई। उसने अपनी बचाव में इंसास रायफल से 10 राउंड गोली चला दिया। अनिल के साथ मौजूद हवलदार महेश चुड़ामण ठाकरे ने भी अपनी रायफल से 30 राउंड फायर किया। गोलियों की आवाज से चोरों का गिरोह डर गया। चोर एक कैंपर गाड़ी छोड़कर फरार हो गए। सुरक्षा बल ने कैंपर को जब्त कर लिया है। इसे दीपका थाने के हवाले किया गया है।
घटना के समय सुरक्षा बल की गाड़ी में करीब पांच से छह जवान सवार थे। जबकि चोरों की संख्या 40 से 50 बताई जा रही है। घटना की रिपोर्ट हवलदार महेश चुड़ामण ने सोमवार की शाम दीपका थाना में दर्ज कराई। पुलिस केस दर्जकर गिरोह के बारे में पतासाजी कर रही है।
कैंपर पर गोली लगने के निशान
सुरक्षा बल की गोलीबारी में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। लेकिन थाने में जब्त की गई कैंपर गाड़ी पर गोलियों के निशान हैं। सुरक्षा बल की गाड़ी का शीशा भी टूटा है।
फरवरी में भी हुई थी गोलीबारी, खुल गई थी पोल
इसके पहले गेवरा खदान में 19 फरवरी की रात भी गोलीबारी की घटना हुई थी। एक एएसआई ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से छह राउंड गोलियां चलाई थी। एक गोली डीजल चोरी के आरोपी सालिकराम गोंड़ को लगी थी। वह पाली विकासखंड के ग्राम नोनबिर्रा का रहने वाला था। डॉक्टर की कोशिश से सालिकराम की जान बच गई थी।
इस मामले में जांच के बाद पुलिस ने सीआईएसएफ के जवान पर हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया था। जांच में मामला निजी स्वार्थ से जुड़ा था। मोबाइल कॉल विश्लेषण में डीजल चोरों से एक जवान के बातचीत का पता चला था। इसके बाद सुरक्षा बल के अधिकारियों ने दोषी जवान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच बैठाकर सेवा से हटा दिया था।