पुलिस ने बताया कि भास्कर सिंह कंवर का परिचय एसईसीएल के रजगामार श्याम नगर में रहने वाली महिला मीना केंवट से था। नीना एक बीमा कंपनी के लिए बतौर एजेंट काम करती है। भास्कर सिंह ने नीना को बताया था कि उसकी एसईसीएल मुख्यालय में अधिकारियों के बीच अच्छी पैठ है। मुख्यालय में स्टोर क्लर्क ग्रेड-3 की भर्ती निकली है। यह भर्ती अंदरूनी है। रुपए देने पर नीना को एसईसीएल में नौकरी मिल सकती है। नीना आरोपी भास्कर के झांसे में आ गई। उसने किश्तों में भास्कर को 10 लाख रुपए दिया। नौकरी के लिए न सिर्फ अपनी जमा पूंजी ठग को दिया। बल्की अपने परिवार और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर नौकरी की चाहत में भास्कर को प्रदान किया।
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नीना ने अपनी पैतृक जमीन भी गिरवी रखकर भास्कर को रुपए दिए। कई माह गुजर गए लेकिन नीना को नौकरी नहीं मिली। तब वह भास्कर पर दबाव डालने लगी। इस बीच भास्कर आज-कल की बात कहकर टालता रहा। अंत में भास्कर ने फर्जी ज्वाइंनिंग लेटर बनाकर नीना को प्रदान किया और उसे एसईसीएल मुख्यालय में जाकर ज्वाइनिंग देने का कहा। नीना मुख्यालय पहुंची तो गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने यह कहते हुए नीना को वापस कर दिया कि ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है और ऐसी कोई भर्ती मुख्यालय में नहीं निकली है। ठगी की शिकार नीना ने रजगामार चौकी में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोप को गिरफ्तार कर लिया है, जो जांजगीर चांपा जिले के ग्राम परसाही सड़क पारा थाना अकलतरा क्षेत्र का रहने वाला है। उसे कोरबा की एक कोर्ट में पेश किया गया। उसे रिमांड पर जेल भेज दिया गया।