CG Weather: इस वर्ष जून-जुलाई से शुरू हुई मानसून ने किसानों व आम लोगों की चिंता बढ़ा दी थी। क्योंकि जिले में बारिश हो ही नहीं रही थी। इससे किसान फसल लगा नहीं पा रहे थे। आम लोगों गर्मी से व्याकुल थे। पानी का सीधा असर खेती किसानी पर पड़ी। किसान खेती से पिछड़ गए। फिर भादो व क्वांर की जाते-जाते मानसून थोड़ा सक्रिय हुआ, मानसून ने औसत बारिश के आंकड़ा को पार कर दी। यानि इस साल जिले में औसत से ज्यादा बारिश हुई है।
CG Weather: आगामी दिनों में राहत की उमीद
CG Weather: आंकड़ों के अनुसार इस साल एक जून से अब तक 1225 मिमी बारिश हुई है। जबकि इस अवधि में औसत बारिश 1184.4 मिमी है। यानि 10 साल की औसत बारिश से इस वर्ष 11 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। इस साल मानसून ने लोगों को भारी परेशान किया। कई बार मानसून ब्रेक की स्थिति बनी। इसलिए किसान काफी परेशान हुए। CG Weather: जून, जुलाई में अनुमान के मुताबिक बारिश नहीं होने के कारण धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा। उन किसानों को ज्यादा दिक्कत आई, जिन्होंने पहले धान की बोनी शुरू कर दी थी। देर से बोनी करने वाले किसानों को अगस्त सितंबर की बारिश से लाभ मिला। इस बार धान की फसल अच्छी पैदावार होने की उमीद किसान जता रहे है। इसके बाद सितंबर के अंतिम व अक्टूबर लगते ही बारिश नहीं होने से आम लोग उमस भरी गर्मी से भारी परेशान हो रहे है। 15 अक्टूबर को मौसम विभाग ने जिले से मानसून विदाई की विधिवत घोषणा कर दी है।