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CG News: वन परिक्षेत्र पसान का मामला
CG News: रात के लगभग 8.30 बजे जंगल के बीच स्थित एक नाला पुल के करीब पहुंचा था। इसी बीच भालू ने लल्लू पर हमला कर दिया। अंधेरा होने के कारण लल्लू भाग नहीं सका और उसकी मौत हो गई। रास्ते से गुजर रहे लोगों ने घटना की सूचना वन विभाग को दी। स्थानीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। CG News: उन्होंने मामले की जांच की। गुरुवार को मृतक के परिवार को विभाग की ओर से 25 हजार रुपए की तत्कालिक सहायता राशि उपलब्ध कराई गई। विभाग की ओर से बताया गया है कि कानूनी प्रावधान के अनुसार कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भालू के हमले में मारे गए ग्रामीण के परिवार को पांच लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
सूर्य ढलते ही शिकार की तलाश में निकल जाते है जंगली जानवर
कटघोरा वनमंडल में जंगली जानवरों की कई प्रजातियां हैं। इसमें भालू भी प्रमुख है। वनमंडल की ओर से बताया गया है कि सूर्य ढलने के साथ ही जंगली जानवर अपने शिकार की तलाश में निकल जाते हैं। यही कारण है कि सूर्य ढलने से पहले ही लोगों से जंगल से बाहर निकलने के लिए सलाह दी जाती है। वन विभाग ने यह भी बताया कि भालू ने लल्लू के शरीर से कई जगह मांस को नाखून से नोंचकर बाहर कर दिया था। घटनास्थल पर ज्यादा खून बहने के कारण उसकी मौत हो गई। विभाग ने रात के समय लोगों को जंगल के रास्ते यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। इस समय कई जंगली जानवर शिकार की तलाश में निकलते हैं।
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रात 8.30 बजे की घटना
कटघोरा वनमंडल में भालू के साथ-साथ अभी हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। वनमंडल में 51 हाथी केंदई और पसान वन परिक्षेत्र में चल रहे हैं। इसमें बेबी एलिफेंट भी शामिल हैं। शाम होते ही कटघोरा वनमंडल में हाथियों का यह झुंड घने जंगल से निकल जाता है। कई बार भोजन की तलाश में रिहायशी इलाकों के करीब पहुंच जाता है। झुंड का सामना ग्रामीणों से होता है और उनके बीच टकराव की स्थिति बनती है। हाथी खुद के बचाव में लोगों को मार देते हैं। वन विभाग ने लोगों से कहा है कि शाम के समय झुंड के दिखने पर करीब जाने से बचें। विभाग के एक अफसर ने बताया कि अक्सर यह देखा जाता है कि शाम के समय कई लोग शराब के नशे में हाथियों करीब पहुंच जाते हैं। इन लोगों को समझाने की कोशिश जब भी वन विभाग की ओर से की जाती है तब लोग आक्रोशित होकर वन विभाग के कर्मचारियों को ही भला-बुरा कहने लगते हैं। इस स्थिति में वन विभाग के कर्मचारी खुद को असहज महसूस करते हैं। विभाग के कर्मचारियों की सलाह को अनदेखी कर लोग झुंड के करीब पहुंच जाते हैं इस स्थिति में हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है।