एक-एक कर पांच माइक्रो फायनेंस कंपनियों को सील किया गया। इसके अलावा महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने के आरोप में पुलिस ने एक माइक्रो फायनेंस कंपनी के वसूली एजेंट को गिरफ्तार किया है। उसे कोर्ट में पेश किया गया। यहां से रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
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CG News: कंपनियों से मांगे गए दस्तावेज
CG News: जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि कटघोरा क्षेत्र में जिन पांच माइक्रो फायनेंस कंपनियों को सील किया गया है उसमें एल एंड टी बैंक कटघोरा, अन्नपूर्णा बैंक दीपका, सीसस बैंक दीपका, नैफिस बैंक कटघोरा और स्पंदना बैंक शामिल है। जिला प्रशासन का आरोप है कि कटघोरा और दीपका क्षेत्र में संचालित उक्त माइक्रो फायनेंस कंपनियां शासन-प्रशासन की ओर से निर्धारित किए गए मापदंडों के विपरित कार्य कर रही थी। क्षेत्र के लोगों की ओर से इन कंपनियों के विरूद्ध लगातार शिकायतें मिल रही थी। प्रशासन ने एक टीम बनाकर कटघोरा और दीपका क्षेत्र में लोगों को लोन बांटने वाली माइक्रो फायनेंस कंपनियों के दफ्तर की जांच की। एक-एक कर पांच कंपनियों के कार्यालय को सील कर दिया। इस दौरान प्रशासन के साथ-साथ पुलिस की टीम भी मौके पर मौजूद थी।
पुलिस ने स्पंदना बैंक नवागांव कटघोरा में काम करने वाले वसूली एजेंट प्रताप रुद्रशरण उम्र 22 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया है। वह जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम सरखो बैगापारा का रहने वाला है। रुद्रशरण स्पंदना बैंक के लिए वसूली एजेंट का काम करता है। कई दिनों से वह महिलाओं पर कर्ज की राशि चुकाने के लिए नियम विरूद्ध दबाव बना रहा था। महिलाओं से अभद्रता कर रहा था। इसकी शिकायत महिलाओं ने जिला प्रशासन से की थी। इस पर कार्रवाई शुरू हुई है।
मंत्री की घेराबंदी और चक्काजाम करने वाली महिलाओं पर दर्ज हुआ मुकदमा
इस बीच सिविल लाइन थाने में पुलिस ने बिना अनुमति चक्काजाम करने के आरोप में महिलाओं पर मुकदमा दर्ज किया है। महिलाओं पर लोक सेवकों के कार्य में बाधा डालने का आरोप है। इसके अलावा पुलिस ने एक एंबुलेंस चालक की रिपोर्ट पर भी मुकदमा दर्ज किया है। इसमें बताया गया है कि मरीज को लेकर एंबुलेंस गुजर रही थी तब तानसेन चौक के करीब महिलाओं ने एंबुलेंस का रास्ता रोका और मरीज की जान को संकट में डाला। हालांकि पुलिस की ओर से दर्ज दोनों एफआईआर में किसी भी महिला को नामजद आरोपी नहीं बनाया गया है। पुलिस का कहना है कि महिलाओं की पहचान की जा रही है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। माइक्रो फायनेंस कंपनियों से कर्ज लेकर फ्लोरा मैक्स में निवेश कर ठगी की शिकार होने वाली महिलाओं का आंदोलन जारी है। इस बीच महिलाएं लगातार माइक्रो फायनेंस कंपनियों की लोन बांटने की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर रही हैं। उनका कहना है कि एक कर्ज चुकता नहीं होता था कि माइक्रो फायनेंस कंपनियां उन्हें दोबारा, तिबारा या इससे अधिक बार कर्ज दे देती है।