पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। आरोपी के संबंध में जानकारी और दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने बताया कि पंडित रविशंकर शुक्ल नगर एमआईजी 11/2 निवासी रमेश कुमार करायर उम्र लगभग 63 वर्ष ठगी का शिकार हुआ है। पूर्व में रमेश एसईसीएल के सिविल विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। इसी बीच उनका परिचय मुरारी लाल रागड़े कार्यालय टीए सिविल ऑफिस, एसईसीएल कोरबा एरिया में काम करने मानिकपुर पोखरी के करीब रहने वाले से हुआ। उसने मंत्रालय में अपनी ऊंची पहुंच का हवाला दिया और बताया कि उसकी करीब सोनी भारती के साथ मिलकर वह सरकारी नौकरी से संबंधित कार्य को करता है।
नौकरी के नाम पर ठगी
सोनी भारती पुरानी बस्ती तेलीबांधा रायपुर की रहने वाली है। असिस्टेंट इंजीनियर ने भरोसा कर लिया और उसने अपनी दो बेटियों की नौकरी लगाने के लिए रागड़े को कई किस्तों में लगभग 11 लाख रुपए दिया। साल गुजर गए लेकिन नौकरी नहीं लगी, तब इंजीनियर ने रूपए लौटाने की मांग की। उसका आरोप है कि रागड़े ने रूपए नहीं लौटाए। इंजीनियर ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन कार्रवाई नहीं हुई, तब उसने न्यायालय की शरण ली। केस दर्ज करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर किया। मामले की सुनवाई कोर्ट में हुई। इसके आधार पर कोर्ट ने मुरारी लाल और सोनी भारती के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस ने मानिकपुर चौकी में दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले की जांच कर रही है। यह भी पढ़ें
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CG Fraud News: इस तरह की ठगी
बताया जाता है कि नवंबर 2017 को असिस्टेंट इंजीनियर सेवानिवृत्त हुए थे। इसी पद पर कार्य करने के दौरान मुरारीलाल रागड़े से मुलाकात हुई थी जो उस समय सिविल विभाग में सफाई कर्मी के पद पर कार्यरत था। पीड़ित की दो पुत्रियां आरती करायर एवं ममता करायर व आरती करायर की मित्र नूतन साहू को शासकीय नौकरी हेतु प्रयास करते देखा था। इस चिंता से वाकिफ आरोपी ने दोनों पुत्रियों की शासकीय नौकरी आवश्यक रूप से लगाने का आश्वासन दिया। उसकी बातों पर इंजीनियर को विश्वास हो गया था। आरती व नूतन की शासकीय नौकरी छत्तीसगढ़ मंत्रालय रायपुर में तथा ममता करायर की शासकीय नौकरी रेलवे में लगवा देने का भरोसा दिया। इसके लिए खर्च लगने की बात कहकर एडवांस राशि जल्द दिए जाने परिजनों पर दबाव डाला गया कि जितनी जल्दी रकम दोगे, उतनी जल्दी में तीनों की नौकरी लगवा सकेगा।
कुल 4 लाख रूपए आरोपी सफाई कर्मी के खाते में ट्रांसफर करने की बात पर कहा कि वह भी शासकीय नौकरी करता है, उक्त राशि उसके खाते में जमा किए जाने से उसकी जाँच आदि की संभावना रहेगी तथा उसके नौकरी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इसलिए परिवादी व नूतन साहू के परिजन एडवांस राशि मित्र (दूसरे आरोपी) के खाते में जमा करने कहा गया। इस तरह बैंक में ट्रांसफर व नगद के जरिए अलग-अलग तारीख में कुल 11 लाख पांच हजार रूपए प्रदान किया गया। इसके बाद नौकरी आज-कल में लगवाते वर्ष 2019 व्यतीत हो गया। उपरोक्त रकम वापस करने में भी टाल-मटोल किया जाने लगा।