इधर ठिठुरती रात में पूरे परिवार ने अलाव के सहारे छत में गुजारी। सुबह परिवार नीचे उतरा और उस मकान को छोड़कर अब बस्ती वाले पुराने पुस्तैनी घर में चले गए। इधर रात में ही वहां से हाथियों का झुंड बोतली से आगे ग्राम पिडिया की ओर चला गया जहां पीडिया गांव में खेत की रखवाली करने गए ग्रामीण मधु के खेत के पास पहुंच गया। इससे घबराकर मधु ने पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई।
CG Elephant Terror: हाथियों का झुंड लगातार ग्रामीण इलाकों में घुस रहा
हाथियों की डर से मधु रात भर पेड़ पर चढ़ा रहा तथा
हाथियों का दल बार-बार वहां पहुंच रहा था। सुबह होने पर ग्रामीणों ने हिमत दिखाई और वहां मंडरा रहे हाथियों को मौके पर पहुंचकर खदेड़ने के साथ पेड़ पर चढ़े मधु को सुरक्षित नीचे उतारा। ग्रामीणों द्वारा खदेड़े जाने पर हाथी जंगल की ओर रूख कर गए। वहीं 12 हाथी कुदमुरा रेंज के वन परिक्षेत्र कुदमुरा के कक्ष क्रमांक 1139 तथा दो हाथी गीतकुांरी के 1006 कपार्टमेंट में विचरण कर रहे हैं। शुक्रवार को हाथियों को यहां विश्राम करते हुए देखा गया।
हाथियों के अन्यत्र जाने से पीडिया गांव के लोगों ने राहत महसूस की है। इससे पहले हाथियों का डेरा एक सप्ताह तक क्षेत्र के जंगल में बना हुआ था जिससे ग्रामीण भयभीत व परेशान थे। करतला वन परिक्षेत्र के ग्राम बोतली, टेंगनमार, नवापारा, घिनारा, पीडिया सहित आसपास के जंगल में विचरण कर रहे हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
धान की फसल को पकने से पहले काट रहे
ग्रामीणों ने बताया कि हाथी दिन भर जंगल में विश्राम करने के बाद शाम होते ही बाहर निकलते थे और गांव के निकट खेतों में पहुंचने के साथ अलग-अलग बंट जाते थे। रात भर उत्पात मचाने व फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद सुबह होने पर जंगल लौटते थे। हाथियों के डर से ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर थे। वहीं ट्रैक्टर, मशाल व अन्य संसाधनों के जरिए हाथियों को बस्ती में आने से रोकने के लिए उपाय करते थे। हाथियों के डर से कई ग्रामीणों ने धान फसल को पूरी तरह पकने से पहले ही काट लिया।
उन्हें डर था कि कहीं क्षेत्र में मौजूद हाथी
धान को चट कर उनकी मेहनतों पर पानी न फेर दे। हाथियों के इस दल ने भी बीती रात उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों के खेतों व बाड़ी में लगे धान तथा केले के पौधों को तहस-नहस कर दिया है। जिसका आंकलन वन अमला कर रहा है। बावजूद इसके वे हाथियों को उत्पात करने से नहीं रोक पाए। इससे पहले हाथियों के इस दल ने सिर्री व अमलीबहरा में निशाने पर लेते हुए एक दर्जन मवेशियों को मौत के घाट उतार दिया था जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया था और ग्रामीण दहशत में आ गए थे।
दूसरी बार पहुंचे हाथी, इस बार मकान को तोड़ दिया
कोरबी-चोटिया. कटघोरा वन मंडल अंतर्गत पसान रेंज के जंगलों में मौजूद हाथियों ने एक बार बहारापारा में आतंक मचाया।गुरूवार की रात ग्राम पंचायत सिर्री के बहारापारा में गोबिंद सिंह के मकान को फिर से क्षतिग्रस्त कर दिया और सामानों को काफी नुकसान पहुंचाया। बता दें गोविंद सिंह के घर में हाथियों का यह दूसरा हमला है। बीते रविवार को ही गोविंद सिंह के पांच मवेशियों को हाथियों ने मार डाला था। रात्रि गश्त पर निकले वन कर्मियों ने एक अन्य क्षेत्र जलके नवापारा में उत्पात मचाते हाथी का यह घटनाक्रम कैमरे में कैद करने के साथ सायरन बजाकर हाथियों को खदेड़ने की कोशिश की गई। जिले के कटघोरा एवं कोरबा वनमंडल में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। यहां के कटघोरा वनमंडल में 50 तथा कोरबा में 62 की संया में हाथी सक्रिय हैं। हाथियों का दल ग्रामीण इलाकों तक पहुंच जा रहा है। इससे ग्रामीणों को दशहत और खौफ के बीच दिन-रात गुजारनी पड़ रही है। गुरूवार को ऐसे ही हाथियों के खौफ के चलते जहां करतला क्षेत्र के ग्राम बोतली के एक परिवार ने अलाव के सहारे छत पर चढ़कर रात गुजारी तो वहीं पीडिया में खेत में रखवाली कर रहा एक ग्रामीण के खेत के करीब हाथियों का समूह पहुंच गया, इससे घबराकर किसान अपनी जान बचाने पेड़ पर चढ़ गया। पूरी रात पेड़ पर गुजारी।