ड्रोन कैमरे की मदद से वन विभाग छाता के जंगल में कुमकी की तलाश कर उसका लोकेशन ले रहा है और संबंधित दिशा की ओर कुमकी हाथी को महावत के जरिए रवाना कर रहा है। कुमकी जंगल में जाता है, तीन-चार घंटे बिताता है लेकिन उसे दंतैल नजर नहीं आ रहा है। दोपहर तक कुमकी हाथी जंगल से बाहर निकल आता है।
दहशत से जंगल के आसपास किसान नहीं कर पा रहे खेती-किसानी
जांजगीर-चांपा में हमलावर हाथी पिछले तीन-चार दिनों से छाता जंगल व खिसोरा जंगल में डेरा डाले हुए है। कुमकी हाथी के जरिए उस पर काबू में करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। ये सबके बीच सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है। हाथी के डर के जंगल के आसपास खेत नहीं जा पा रहे हैं। साथ ही गरीब तबके के लोग जो जंगल से लकड़ी इकट्ठा कर खाना बनाते हैं, वे लोग भी डर के मारे जंगल की नहीं जा रहे हैं। यह भी पढ़ें