इसके अवाला अन्य महाविद्यालयों में भी सुविधाओं के अभाव की वजह से विद्यार्थियों में कोरबा के महाविद्यालय में उच्च शिक्षा की रुचि कम रहती है। सक्षम परिवार के ज्यादातर विद्यार्थी कक्षा 12वीं की परीक्षा में बेहतर अंक हासिल करने के बाद अपना भविष्य गढ़ने के लिए बाहर के महाविद्यालय में प्रवेश लेने के लिए चले जाते हैं। वहीं से ही आगे की पढ़ाई शुरू करते हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के नाम पर सिर्फ स्वीकृति दी जा रही है, सुविधाओं नहीं। इसे लेकर अभिभावकों में भी नाराजगी है।
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छात्रावास बनकर तैयार, लेकिन हैंडओवर नहीं
जिले के शासकीय पीजी कॉलेज, मिनीमाता महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास भवन बनकर तैयार हो गए हैं, लेकिन दो भवनों को अब तक महाविद्यालय प्रबंधनों को हैंडओवर नहीं हुआ है, जो भवन हैंडओवर हुए हैं, वहां सेटअप और सुविधाओं की कमी की वजह से शुरू नहीं कर पा रहे हैं।
CG Education: पहले की अपेक्षा इस बार विद्यार्थियों की संया कम
सीजी बोर्ड की परीक्षा में इस बार लगभग 8235 विद्यार्थियों ने कक्षा 12वीं की परीक्षा में सफलता हासिल की है। यह संया पिछले कुछ वर्षो की तुलना में कम है। हालांकि इसमें सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थी भी शामिल होंगे। विद्यार्थियों की संया के अनुसार इस बार महाविद्यालयों में प्रवेश को लेकर पहले की अपेक्षा मारामारी कम रहेगी। इससे कम अंक हासिल कर नियमित रुप से महाविद्यालय में प्रवेश लेकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को राहत मिल सकती है।
CG Education: आधा दर्जन से अधिक कॉलेजों की सीटें रह जाती हैं खाली
जिले के शहरी क्षेत्र मे संचालित शासकीय इंजीनियरिंग विश्वेश्वरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मिनीमाता कन्या महाविद्यालय, हरदीबाजार, दीपका के कुछ संकायों को छोड़ दे तो ज्यादातर महाविद्यालय में शुरू किए गए संकायों में सीटें खाली रह जाती है। इसे भरने के लिए एयू की ओर बार-बार समय भी बढ़ाए जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में नजदीक में महाविद्यालय होने के बाद भी विद्यार्थियों में पढ़ाई की रुचि सबसे अधिक शासकीय पीजी कॉलेज, मिनीमाता, दीपका में प्रवेश को लेकर मारामारी रहती है।
इन महाविद्यालयों की ये है स्थिति
बताया जा रहा है कि आदर्श आवासीय महाविद्यालय का भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। अब तक महाविद्यालय पीजी कॉलेज में संचालित हो रही है। इस बार कक्षाएं कहां लगेगी। इसे लेकर अटकले बनी हुई है। जटगा के लिए कई साल से भू-खंड तलाश किए जा रहे हैं। लेकिन भू-खंड नहीं मिलने की वजह से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन में संचालित हो रही है। आत्मानंद महाविद्यालय की कक्षाएं विद्युत गृह के भवन में संचालित हो रही है, लेकिन यहां लाइब्रेरी में पुस्तकें नहीं है। इसी तहर अन्य नवीन महाविद्यालयों का हाल है।