scriptCG Coal Mines: 40 वर्षों से ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा गेवरा अबकी बार बन जाएगी एशिया की नंबर-1 खदान | CG Coal Mines: Gevra mines soon to become Asia No 1 | Patrika News
कोरबा

CG Coal Mines: 40 वर्षों से ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा गेवरा अबकी बार बन जाएगी एशिया की नंबर-1 खदान

CG Coal Mines: गेवरा खदान 40 साल से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा है। 900 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैले इस खदान की लंबाई 10 किलोमीटर और चौड़ाई लगभग 4 किलोमीटर है।

कोरबाJun 25, 2024 / 06:34 pm

Shrishti Singh

CG Coal Mines

CG Coal Mines: देश की प्रगति में ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्थान है। बिजली बनाने के लिए कोयले की आवश्यकता होती है। कोरबा जिले में ही कोल इंडिया की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। प्रदेश और देश के अलग-अलग राज्यों में स्थित बिजली घरों को 40 साल से कोयले की आपूर्ति कर रही है।

गेवरा में कोयले अभी इतना भंडार है कि आने वाले 10 वर्षों तक यहां से देश के सभी बिजली घरों को कोयले की आपूर्ति की जा सकती है। यह खदान कोरबा के साथ-साथ देश का गौरव है। यह देश की पहली खदान है जिसमें साल भर में 52 मिलियन टन कोयला खनन किया है।

इस चालू वित्तीय वर्ष में गेवरा प्रोजेक्ट को कोल इंडिया और इसकी सहयोगी कंपनी एसईसीएल के साथ-साथ कोयला कामगारों को बड़ी उम्मीदें हैं। यहां से इस वित्तीय वर्ष में 70 मिलियन टन कोयला खनन का लक्ष्य रखा गया है। देश में बढ़ती कोयले की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार ने यहां से 70 मिलियन टन कोयला निकालने की अनुमति कोल इंडिया को दी है।

यह भी पढ़ें

CG Coal Policy: कोल ब्लॉक के नजदीक चल रहे 3 अवैध कोयला डिपो, 14 साल पहले सरकार ने किया था प्रतिबंधित

गेवरा प्रोजेक्ट वित्तीय वर्ष 2022-23 में उस समय देश-दुनिया में सहोरत बटोरा था जब खदान ने पहली बार उत्पादन के सारे रिकार्ड को ध्वस्त करते हुए 52.5 मिलियन टन कोयला खनन किया था और देश का सबसे बड़ा कोयला खदान बनने का गौरव हासिल किया था। गेवरा खदान 40 साल से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा है। 900 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैले इस खदान की लंबाई 10 किलोमीटर और चौड़ाई लगभग 4 किलोमीटर है।

कोयला खनन के लिए कंपनी यहां अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। सरफेस माइनर कटर का इस्तेमाल कोयले की परत को काटने के लिए किया जा रहा है ताकि खदान में होने वाले ब्लास्ट से पड़ने वाले पर्यावरण के नुकसान को कम किया जा सके। ओवरबर्डन को हटाने के लिए कंपनी ने यहां 42 क्यूबिक मीटर का सावेल उतारा है, वहीं 240 टन माल परिवहन करने वाली भारी भरकम मशीनें भी गेवरा में मौजूद हैं।

खदान से साइलो तक कन्वेयर बेल्ट के जरिए कोयला परिवहन

कोयला खनन से पर्यावरण को नुकसान होता है, इस नुकसान को कम करने के लिए नए-नए तकनीक का इस्तेमाल कोयला खनन और परिवहन में किया जा रहा है। इसी कड़ी में कंपनी की ओर से गेवरा खदान में सरफेस से लेकर साइलो तक कन्वेयर बेल्ट बिछाया गया है। बेल्ट के जरिए कोयला साइलो तक पहुंचता है और यहां से रेल या सड़क मार्ग के रास्ते अलग-अलग स्थानों तक रवाना किया जाता है। आने वाले दिनों में फर्स्ट माइल कनेक्टिीविटी के तहत रेल लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो जाएगा।

गेवरा की राह पर कुसमुंडा प्रोजेक्ट, कोयला खनन कर बना रहा रिकार्ड

गेवरा प्रोजेक्ट वित्तीय वर्ष 2022-23 में उस समय देश-दुनिया में सहोरत बटोरा था। अब गेवरा के अलावा कोयला उत्पादन के क्षेत्र में कुसमुंडा खदान का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। देश में कोयले की मांग को पूरा करने के लिए कुसमुंडा अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुसमुंडा ने भी 50 मिलियन टन कोयला खनन कर रिकार्ड बना लिया। गेवरा के बाद कुसमुंडा दूसरा प्रोजेक्ट है जिसने 50 एमटी खनन किया है। जैसे-जैसे कंपनी के कोयला उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है वैसे-वैसे प्रदेश सरकार का कोष भी भर रहा है। कोयले की बिक्री और उस पर लगने वाले विभिन्न टैक्स से सरकार को यह पैसा मिल रहा है।

CG Coal Mines: गेवरा में खुलेगी अमृत फार्मेसी, तैयारियां पूरी, कैंसर और हृदय रोग की दवा मिलेगी सस्ती

एक तरफ कोयला कंपनी उत्पादन के क्षेत्र में नए-नए रिकार्ड बना रही है तो दूसरी ओर अपने कर्मचारियों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की कोशिश कर रही है। इसी कड़ी में कोयला कंपनी ने गेवरा में अमृत फार्मेसी खोलने का निर्णय लिया है। इसके लिए कंपनी ने एचएमएल लाइफ केयर लिमिटेड के साथ एक समझौता किया है।

इसके तहत कोयला कामगारों के साथ-साथ उनके परिजनों को किफायती दरों पर सामान्य बीमारियों से लेकर केंसर और हृदय रोग की दवा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। कंपनी गेवरा में पहली अमृत फार्मेसी खोलने जा रही है। यहां गेवरा के साथ-साथ दीपका, कुसमुंडा और कोरबा एरिया के कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूर और उनके परिजन इलाज करा सकेंगे।

यह भी पढ़ें

CG Coal Scam: कोल की अवैध वसूली में दो सगे भाई गिरफ्तार, 20 जून तक रहेंगे EOW की रिमांड पर

इसके लिए गेवरा के नेहरू शताब्दी अस्पताल में जरूरी सभी सुविधाएं पूरी कर ली गई है। अब इसके उद्घाटन का इंतजार है। प्रबंधन की ओर से बताया गया है कि अमृत फार्मेसी का उद्घाटन जल्द से जल्द हो इसके लिए कंपनी के अधिकारी कोयला मंत्रालय के संपर्क में हैं। उनसे बातचीत कर उद्घाटन के लिए कोयला मंत्री से समय की मांग की जा रही है ताकि कोयला कामगारों को इस योजना का लाभ जल्द से जल्द मिल सके।

छत्तीसगढ़ सरकार के खजाने में 5883 करोड़ रुपए का योगदान

कोयला खनन से सरकार का खजाना भी भर रहा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोयला कंपनी ने सरकारी कोष में 17 हजार 474 करोड़ रुपए का योगदान दिया। इसमें छत्तीसगढ़ सरकार के कोष में 5 हजार 883 करोड़ रुपए भी शामिल हैं। जैसे-जैसे कंपनी के कोयला उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है वैसे-वैसे प्रदेश सरकार का कोष भी भर रहा है। कोयले की बिक्री और उस पर लगने वाले विभिन्न टैक्स से सरकार को यह पैसा मिल रहा है।

कोयला खनन और इसकी बिक्री से जिला खनिज न्यास को भी काफी पैसे मिल रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोयला कंपनी ने जिला खनिज न्यास मद में 874 करोड़ रुपए जमा किया है जिसमें सबसे अधिक राशि कोरबा की खनिज न्यास मद में जमा की गई है। इसकी राशि का इस्तेमाल कोरबा के विकास के लिए जिला प्रशासन की ओर से किया जा रहा है।

Hindi News / Korba / CG Coal Mines: 40 वर्षों से ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा गेवरा अबकी बार बन जाएगी एशिया की नंबर-1 खदान

ट्रेंडिंग वीडियो