CG Bonus News: बोनस का भुगतान दिवाली से पहले करने के लिए कहा गया है और इसकी सूचना स्थानीय प्रबंधन को देने का निर्देश दिया गया है। एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर की ओर से बताया गया है कि ठेका मजदूरों के बोनस को लेकर 25 अक्टूबर को कोलकाता में एक बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्यों ने कोयला उद्योग में काम करने वाले नियमित कर्मचारियों की तरह ठेका मजदूरों को परफार्मेंस लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआई) देने का निर्णय लिया है।
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CG Bonus News: एसईसीएल ने भुगतान का दिया आदेश
CG Bonus News: पीएलआई उन ठेका मजदूरों को भी दिया जाएगा जिन्हें कंपनी की ओर से हाईपावर कमेटी की सिफरिश के अनुसार भुगतान प्राप्त होता है। इसमें सबसे ज्यादा मजदूर खनन गतिविधियों में शामिल हैं। वहीं गैर खनिक गतिविधियों में शामिल मजदूरों को कोयला कंपनी ने उनके वेतन का 8.33 फीसदी राशि बोनस के तौर पर देने का निर्णय लिया है। यह राशि उन मजदूरों को दी जाएगी जिनका मासिक वेतन 21 हजार रुपए से कम है। एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर की ओर से बताया गया है कि एसईसीएल की अलग-अलग कोयला खदानों में 20 हजार 200 ठेका मजदूर काम करते हैं। इसमें 14 हजार मजदूर खनन गतिविधियों में शामिल हैं जबकि 6200 मजदूर खदान के बाहर अन्य कार्यों में शामिल हैं। कंपनी ने सभी को कोल इंडिया बोर्ड से प्राप्त दिशा निर्देशों के तहत बोनस देने का निर्णय लिया है। इसका भुगतान दिवाली से पहले करने के लिए कहा गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कोल इंडिया को हुए मुनाफे में से पीएलआई का भुगतान किया जाना है।
1334 रुपए की दर से भुगतान
एसईसीएल मुख्यालय के अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में ठेका मजदूरों को हाईपावर कमेटी की सिफारिश के अनुसार एक दिन की आठ घंटे की ड्यूटी पर 1334 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। इस अनुसार ठेका मजदूरों को न्यूनतम 26 दिन का वेतन बतौर परफार्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव के तौर पर प्रदान किया जाएगा। कोरबा में इसका सबसे ज्यादा लाभ गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदान में काम करने वाले ठेका मजदूरों को मिलेगा। कोल इंडिया बोर्ड ने अनुषांगिक कंपनियों में काम करने वाले ठेका मजदूरों को पहली बार परफार्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव देने का निर्णय लिया है। यह ठेका मजदूरों की बड़ी जीत है। एसईसीएल मुख्यालय की ओर से बताया गया है कि खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूरों को न्यूनतम 35 हजार रुपए से लेकर अधिकतम 39 हजार रुपए तक का बोनस प्राप्त होगा। अभी तक कोल इंडिया को खदानों में काम करने वाले ठेका मजदूरों को बोनस एक्ट के तहत भुगतान करती थी।
इसके तहत उन्हीं मजदूरों को बोनस मिलता था जिनका वेतन 21 हजार रुपए से कम था। कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों को हाईपावर कमेटी की सिफारिश के अनुसार वेतन भुगतान किया जाता है इस कारण ठेका मजदूरों का वेतन 21 हजार से ज्यादा हो जाता था तब कंपनियां बोनस का भुगतान नहीं करती थी। इसे लेकर कई सालों से गतिरोध बना हुआ था।