सरकार बदलने के बाद एल्डरमेन को बीच कार्यकाल से हटा दिया गया। शुक्रवार को राज्य शासन द्वारा सभी मनोनित पार्षद(एल्डरमेन) की नियुक्ति को निरस्त कर दिया। हालांकि इससे दो दिन पहले ही सरकार ने इसके संकेत दे दिए गए थे। लिहाजा नगरीय निकायों द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई थी। कोरबा नगर निगम ने उसी दिन ही इस आदेश का पालन किया। जबकि अन्य जगह शनिवार की सुबह एल्डरमेन की नियुक्ति को निरस्त किया गया। कोरबा नगर निगम में कुल 10 एल्डरमेन थे, जबकि दीपका व कटघोरा नगर पालिका में 5-5 व नगर पंचायत छुरी व पाली में 3-3 एल्डरमेन थे।
महीना खत्म होने के 8 दिन पहले छुटट्ी निकायों मेें एल्डरमेन को नवंबर तक की मानदेय का भुगतान कर दिया गया था। जबकि दिसंबर का मानदेय जनवरी में मिलना था। प्रति एल्डरमेन को प्रतिमाह 7 हजार मिलता है। अब जब एक सप्ताह पहले ही नियुक्तियां निरस्त कर दी गई है। तो मानेदय पूरा देना है कि नहीं इसपर अधिकारी पशोपेश में है। कोरबा नगर निगम के अधिकारी इसके लिए मुख्यालय से जानकारी ले रहे हैं।
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एल्डरमैन निधि के कई कार्य अब तक पूरे नहींकोरबा नगर निगम में एल्डरमेन निधि के कई कार्य अब तक पूरे नहीं हो सके हैं। हर साल हर एल्डरमेन को 6 लाख रूपए निधि के तौर पर खर्च करने को मिलता है। तीन साल से ये निधि निकाय को मिल रही थी। अधिकांश एल्डरमेन का कहना है कि साल 2023 में मिली राशि के कार्य अब तक शुरू नहीं हो सके हैं।
भाजपाइयों के आएंगे अच्छे दिन, बनेंगे एल्डरमैनइधर अब आठ माह के लिए फिर से एल्डरमेन की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाएगी। भाजपाई खेमे में अभी से इसके लिए सुगबुगाहट तेज हो गई है। ऐसे वरिष्ठ कार्यकर्ता जो पहले से ही पार्षद की दौड़ से बाहर हैं। उनको पार्टी एल्डरमैन बना सकती है।