बाजार में इन दिनों जमकर हो रही है इनकी बिक्री
यही वजह है कि, हॉट-बाजारों में यह फल दिखते ही कोचियों के द्वारा इसे खरीद लिया जाता है हालांकि वानोजप के तौर पर इसकी खरीदी वन विभाग के द्वारा भी की जाती हैं। लोकल स्तर पर चिरौंजी प्रोसेसिंग प्लांट न होने के चलते इस फल को एकत्रित करने वाले ग्रामीण औने-पौने में कोचियों के पास बेचने को मजबूर भी है। वही चार की गुठली पूरे प्रोसेस के बाद जब चिरौंजी निकलकर आती है तो वह एक हजार रूपए किलों से ज्यादा की दाम पर बाजार में बिकते है।
इसमें विटमिन सी व बी-12, आयरन, प्रोटीन पाया जाता है
इस नटी सीड्उ है जिसका वैज्ञानिक नाम बुकाननिया लाजड् है व एनाकार्डिएसी परिवार का यह नटी फल का उपयोग काजू, बदाम के बाद आता है,इस उपयोग कई तरह के मीठे पकवान आदि बनाने में भी किया जाता है। आयुर्वेद डॉ. चंद्रभान वर्मा ने बताया कि, इसमें विटमिन सी व बी-12, आयरन, प्रोटीन पाया जाता है। इसके सेवन से रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, कब्ज को दूर करने के साथ ही शारीरिक कमजोरी में लाभ और चेहरे में चमक देने वाला होता है। यह चर्म रोगों के साथ ही हृदय रोग में भी यह लाभकारी होता है।