scriptदसवीं पास महिला ने पांच साल में 53 हजार पशुओं का किया टीकाकरण, पशु सखी के रूप में मिली एक नई पहचान | Tenth pass woman vaccinated 53 thousand animals in 5 years kondagaon | Patrika News
कोंडागांव

दसवीं पास महिला ने पांच साल में 53 हजार पशुओं का किया टीकाकरण, पशु सखी के रूप में मिली एक नई पहचान

Kondagaon News: मुलमुला की डिगली अपने हुनर से क्षेत्र के पशुओं के सेहत की देखभाल कर रही है। डिगली मुलमुला के आसपास के गावों में जाकर टीकाकरण में सहायता करने के साथ ही संतुलित पशु आहार और उचित आवास की जानकारी भी देती है।

कोंडागांवJul 13, 2023 / 06:53 pm

Khyati Parihar

Tenth pass woman vaccinated 53 thousand animals in five years

53 हजार पशुओं का किया टीकाकरण

Chhattisgarh News: कोण्डागांव। मुलमुला की डिगली अपने हुनर से क्षेत्र के पशुओं के सेहत की देखभाल कर रही है। डिगली मुलमुला के आसपास के गावों में जाकर पशुओं के टीकाकरण में सहायता करने के साथ ही संतुलित पशु आहार और उचित आवास की जानकारी भी देती है। जिससे पशुपालकों को बहुत ही सुविधा हो रही है डिगली यह कार्य एक पशु सखी के तौर पर कर रही है। वर्ष 2018 में उन्होंने बिहान के अंतर्गत संचालित सराहनीय कृषि परियोजना में पशु सखी के रूप में कार्य आरम्भ किया। उन्हें पशु सखी के रूप में मानदेय के रूप में मासिक 1500 रुपये की आय मिल रहा था।
इन पांच वर्षों में उन्होंने अपने क्षेत्र में 71 पशु पाठशालाओं का आयोजन किया जिससे 9080 पशुपालकों को जानवरों के टीकाकरण, संतुलित पशु आहार और उचित आवास की जानकारी मिल चुकी है। इस अवधि में उन्होंने 3090 गाय, 5330 बैल, 6560 भैंस, 32125 मुर्गे-मुर्गियां और 5855 बकरे-बकरियों का टीकाकरण किया है। डिगली की इस प्रेरणादायक यात्रा से यह बात स्पष्ट होती है (cg news) की अपने परिवार की जिम्मेदारी को आर्थिक तंगी से पार पाने में सक्षम है।
यह भी पढ़ें

पिता नहीं पापी! अपनी ही नाबालिग बेटी को बनाया हवस का शिकार, मासूम की स्थिति देख मां के उड़े होश

संयुक्त परिवार में करती थी परंपारिक खेती

जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर मूलमुला में रहने वाली डिगली देवांगन पशु सखी के तौर पर 2018 से कार्य कर रही हैं। यह कार्य उन्होंने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं में से एक बिहान से जुड़ कर प्रारम्भ किया और वे इस क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए अब एक प्रेरणास्रोत भी बन गई हैं । डिगली एक ग्रामीण संयुक्त परिवार से आती हैं और इसका प्रभाव सीधे-सीधे उनकी आर्थिक स्थिति पर पड़ता था, डिगली के दो बच्चे हैं जिनके बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने जीवकोपार्जन के अन्य माध्यम तालाशने का निर्णय लिया और उनकी इसी खोज ने उन्हें सन 2018 में गांव में संचालित रानी लक्ष्मीबाई स्व सहायता से जोड़ा। क्यूंकि उनके परिवार में पारंपरिक कृषि के अलावा आय का अन्य कोई साधन मौजूद नहीं था।
यह भी पढ़ें

Weather Update : छत्तीसगढ़ के इन जिलों में आज-और कल होगी मूसलाधार बारिश! मौसम विभाग ने जारी किया yellow alert

आत्मविश्वास में हुई वृद्धि

आज गांव में दसवीं तक पढ़ी-लिखी डिगली को एक अलग पहचान मिल गई है और इसी के साथ गांव में एक पंच के रूप में भी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रही हैं। बिहान योजना से जुड़ कर उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हुई है और वे अपने गांव में अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। डिगली की इस प्रेरणादायक यात्रा से यह बात स्पष्ट होती है की अपनी क्षमता एवं मेहनत से कोई भी व्यक्ति अपने परिवार को हर प्रकार की आर्थिक तंगी से पार पा सकता है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित बिहान योजना से डिगली ने अपने गाँव की प्रगति एवं स शक्तिकरण की दिशा में एक महत्तवपूर्ण कदम बढाया है।

Hindi News / Kondagaon / दसवीं पास महिला ने पांच साल में 53 हजार पशुओं का किया टीकाकरण, पशु सखी के रूप में मिली एक नई पहचान

ट्रेंडिंग वीडियो