अब माताएं भी कीबोर्ड पर दौडाएंगी उंगलियां, फेसबुक ट्वीटर नहीं बनेगी पहेली
केशकाल में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर स्थित बामी तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य बगैर निविदा के आधा अधूरा संपन्न करा देने के पश्चात निविदा निकालने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि एक और नया मामला उजागर हो गया है जिसमें पूर्व में कराए गए कार्यों का निविदा 5 सितंबर को प्रकाशित करवा कर आमजन को हैरत में डाल दिया है।
जिंदगी और मौत से जूझ रहा छोटा भाई, कहा- सोचा नहीं था एक मोबाइल के लिए मुझे जला देंगे भैया
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पंचायत केशकाल के द्वारा 5 सितंबर 2019 को निविदा क्रमांक/767/2019/लोनिवि/नपं, जिसमें 14 कार्यों के लिए निविदा प्रकाशित की गई है । जिसमें देखने में यह आया है कि लगभग सभी कार्य पूर्व में ही संपन्न हो चुके हैं जिसमें 20गुणा10 का शेड निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की गई है ।
जिसमें प्रति शेड की लागत क्र 2,00000 दर्शाई गई है जबकि निर्मित शेड का आंकलन करने पर इस बात की पुष्टि हो रही है कि इसमें प्रत्येक शेड हेतु अधिकतम क्र 70,000 व्यय किया गया होगा इसमें चौंकाने वाली बात यह भी है कि निविदा की अंतिम तिथि 27 सितंबर दी गई है और इसमें सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि बामी तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य जो की पूर्व में संपन्न हो चुका है, जिस ठेकेदार को दिया गया है, इस कार्य में भी अधिकारियों के उसी चहेते ठेकेदार को ही साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाकर यह कार्य प्रदान किया गया है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त ठेकेदार द्वारा निविदा की अंतिम तिथि 27 सितंबर के पश्चात 29 सितंबर को एफ डीआर जमा करवाया गया है। इसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है। गौर करने वाली बात यह भी है कि तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य जो कि पूर्व में संपन्न हो चुका है उसे भी स्टीमेट में दर्शाने की जानकारी मिली है ।
सेंट्रल एक्साइज अफसरों के उड़े होश, जब रेल यात्री के बैग की तलाशी में मिला पांच करोड़ सोना
जबकि इस कार्य का कार्य आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है। नगर पंचायत केशकाल में विगत 5 वर्षों में जितने भी कार्य संपन्न हुए हैं उसमें एक खास बात यह भी देखने को मिली है कि निर्माण कार्य के दौरान सूचना पटल भी नहीं लगाया जाता है।
रमन सिंह और उनके गुप्तचरों का कराओ नार्को टेस्ट, निकलेगा झीरम हत्याकांड का जिन्न- कैबिनेट मंत्री
इसका मुख्य कारण यह भी है कि आमजन को स्वीकृत राशि की जानकारी ना मिल सके जिससे आमजन वास्तविक व्यय का आंकलन ना कर पाए और इन भ्रष्टाचारियों की जेबें गर्म होती रहे । अगर विगत 5 वर्षों के निर्माण कार्यों की जांच करवाई जाए तो कई चौंकाने वाले मामले नगर पंचायत केशकाल में उजागर हो सकते हैं।