घाट के मोड़ पर बलवती रहती है दुर्घटना की संभावना घाटी की दूसरी बड़ी समस्या है घाट के मोड़ों पर बने रिटेनिंग वॉल अर्थात सडक़ों के किनारे बनी वह छोटी दीवारें जो वाहनों के अनियंत्रित होने पर उन्हें खाई में गिरने से बचाती हैं। कई मोड़ों पर गार्ड वॉल भी जीर्णशीर्ण हो चुके हैं। क्योंकि घाटी में एक दशक पहले जब सडक़ बनी थी, तब यहां गार्ड वॉल का भी निर्माण हुआ था। उसके बाद से के सडक़ दुर्घटनाओं में ये गार्ड वॉल टूट गए हैं। इन दीवारों को दुरुस्त करने के लिए विभाग के द्वारा कोई पहल नहीं की गई है।
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घाटी की सुंदरता में चार चांद लगाने वाले पेड़ पौधे धूल में हुए सराबोर दरअसल 6-7 महीनों तक घाट की सडक़ खराब होने के कारण घाट में उडऩे वाले धूल के गुबारों से आम जनता को आवागमन में काफी परेशानी होती थी। जिसके लिए पेंच मरम्मत का काम शुरू हुआ। सडक़ भी पहले की तुलना में काफी दुरुस्त हो रही है। लेकिन घाटी की नैसर्गिक सुंदरता अब समाप्त हो गई है। घाटी मे जितने पेड़ पौधे हैं उन सभी पर धूल की मोटी परत जम गई है। लेकिन उस ओर कोई ध्यान नहीं देता। क्योंकि इंसान तो अपनी समस्याओं को बता सकता है, लेकिन पेड़ पौधे अपनी समस्याएं कैसे बताएं। इस ओर भी सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को ध्यान देने की आवश्यकता है। ताकि घाटी को पुन: उसकी सुंदरता वापस लौटाई जा सके। नवीनीकरण के दौरान वॉल की मरम्मत करेंगे इस सम्बंध में अधिकारी ने बताया कि केशकाल घाट के नवीनीकरण हेतु निविदा प्रक्रिया में है। निविदा की प्रक्रिया पूर्ण होने पर नवीनीकरण के साथ साथ अतिरिक्त कार्य के रूप में गार्ड वॉल मरम्मत का कार्य भी सम्मिलित किया जाएगा। – आर.के गुरु, ईई,एनएच विभाग