हालाँकि लोक निर्माण विभाग कॉलेज प्रबंधन की मांग पर पिछले साल ही यहां की मरम्मत तो की, लेकिन वह भी कारगार साबित नहीं हो पाई और पिछले साल की तरह ही इस बार फिर से क्लासरूम में बारिश का पानी छत से टपक-टपककर भरने लगा हैं। इस मामले को लेकर पहले ही छात्र संगठन एनएसयूआई ने पदाधिकारियों व इससे जुड़े छात्रों ने हर साल होने वाली इस समस्या से कॉलेज प्रबंधन के साथ ही जिले के प्रभारी मंत्री को भी इससे अवगत तो करवा दिया था।
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बावजूद इसके इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा और यहां अध्यनरत छात्र-छात्राओं को मजबूरी में क्लासरूम में छतरी लेकर बैठना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि, पिछले दिनों इसी तरह जिले के कुछ स्कूलों के क्लासरूम में भी यही हालत थे। हालाँकि अब इनमें से कुछ जगहों पर सुधार तो कर लिया गया है, लेकिन आज भी कुछ स्कूलों की छत गायब है तो कुछ जुगाड़ के कमरों में कक्षाएं संचालित हो रही है।कमरों की नहीं है कमी
वैसे तो पीजी कालेज का कैम्पस 8 एकड़ से भी ज्यादा के एरिया में फैला हुआ हैं। जिसमें हास्टल, मैदान के साथ ही भवन बने हुए हैं। कुछ भवनों जिला प्रशासन सरकारी दफ्तर संचालित कर रहा है तो वहीं कॉलेज का एक नया भवन जिसका चुनावी प्रकिया के दौरान से आकुपाई किया हुआ है। और यहां अध्यनरत छात्र-छात्राओं को अब बैठने के लिए सही सलामत क्लासरूम भी नहीं मिल पा रहे हैं।आखिर क्यों छत्तीसगढ़ के दर्जनों गांव के लोग सालों से मरने के खौफ के साथ जीने को हैं मजबूर
इस मामले को लेकर एनएसयूआई ने गुरुवार को ईई लोक निर्माण विभाग को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं से अवगत करवाया हैं। छात्रनेता सुमीत श्रीवास्तव ने कहा कि, यदि समय रहते कॉलेज की इस समस्या का निराकरण नहीं किया जाता है इस मसले को लेक