जानकारी के मुताबिक इन एक्सपायरी दवाईयों को कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को वितरण करने के लिए बड़ेबेंद्री के पूर्व सरपंच के घर पर डंप करवा दिया है। इन दवाईयों के कार्टूनों में दीपक तक लग चुके है, विभाग की यह अनदेखी कोई पहली दफे की गई हो, ऐसा भी नहीं है।
इससे पहले भी कई दफे इस तरह दवाईयों व खाद को जंगल आदि में फेंकने या गोडाउन में बंद कर रखने का मामला सामने आ चुका है। वही विभागीय अधिकारियों की माने तो जो भी वितरण के लिए आता है वह उस इलाके के आरईओं की मांग के आधार पर होता है। जिसकी पूरी रकम शासन के खाते में पहले ही आरईओ से जमा करवा ली जाती है।
इसके बाद उसे विरतण करने की जिम्मेदारी संबंधित आरईओ की होती हैं। विभागीय अधिकारी बड़ेबेंद्री की घटना को भी इसी तरह से पेश करते हुए अपने कर्मचारी को बचाने का प्रयास करते रहे, लेकिन समय पर किसानों को इन सबसिडी वाली दवाईयों का वितरण हो जाता तो किसानों को कही अधिक लाभ होता।
मुझे इसके बारे में पूरी जानकारी तो नहीं है, लेकिन वितरण करने की जिम्मेदारी आरईओं की होती है। क्योंकि उनकी मांग के आधार पर ही इसे मंगवाया जाता है।
-उग्रेश देवागंन, एसडीओ कृषि
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