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पटवारी संघ के मुताबिक राजस्व निरीक्षक परीक्षा के दौरान छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का गठन भी नही हुआ और संचालक ने आनन-फानन में परीक्षा आयोजित की जिसके चलते पटवारियों ने परीक्षा को संदेहास्पद बताया। पटवारियों ने बताया कि, चयनित 216 में से कई जिलों से बड़ी संख्या व कुछ जिलों में नाममात्र के चयन से निष्पक्ष प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
इस संबंध में छत्तीसगढ़ पटवारी संघ ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए पीएससी घोटाले की जांच की तर्ज पर राजस्व निरीक्षक की उच्च स्तरीय जांच कर गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही कर परीक्षार्थियों को न्याय दिलवाने की मांग की है।
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सरगुजा, बीजापुर, कांकेर से मिली शिकायतें पटवारी संघ के मुताबिक उक्त आचार संहिता के दौरान जब सभी पटवारी चुनावी कार्य में संलग्न थे तभी आयुक्त कार्यालय ने परीक्षा की तैयारी करते हुए पात्र अपात्र सूची दावा आपत्ति मंगवाई और फिर 2019 बैच के पटवारियों को परीक्षा से वांछित कर दिया गया और 7 जनवरी को परीक्षा का आयोजन होने के बाद पटवारियों के विरोध के बाद भी 29 फरवरी 2024 को परिणाम जारी कर दिया गया। जिसमे 216 को चयनित किया गया जिस पर पटवारियों ने की उच्च स्तरीय जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है।