इंटरनेशनल स्पेस यूनिवर्सिटी पहुंची छत्तीसगढ़ की नित्या पांडे, मिली 14 लाख की कल्पना चावल स्कॉलरशिप
लेकिन उसके हौसले के सामने यह सब कुछ बौना नजर आता हैं। धरमू के पिता बुधराम व माता सुकलीबाई भी बनियागांव नाकापारा में कुली-मजदूरी का काम करते हैं और इसी से उनका जीवन चल रहा है। बेटे की इस प्रतिभा से भी उसके माता-पिता अनजान हैं। धरमूराम कुली-मजदूरी के साथ ही शादी-विवाह में बैंड बाजा बजाने का भी काम करता है।अकेला नहीं धरमू और भी है इलाके के धावक
इतना ही नहीं इन्हें वहां तक ले जाने वाला ऑटो पार्ट्स की दुकान का संचालक संतु साहू भी 10 किमी में रनरअप रहा। स्पर्धा में दूसरा स्थान हासिल करने का गौरव उसे हासिल हुआ। उसने बताया कि, ईमेल से मिले निमंत्रण के आधार पर वह अपने साथ धरमू व फूलधर को लेकर मुंबई पहुंचा और वहां पंजीयन करवाने के बाद दौड़ शूरू की और जीत गए की।सेना के जवान की AK 47 हो गयी थी चोरी, जांच में पुलिस वालों के पैरों तले खिसक गयी जमीन
मर्दापाल निवासी फूलधर नेताम ने भी इसी स्पर्धा में 21 किलोमीटर के मैराथन में दूसरा स्थान प्राप्त किया हैं। उन्होनें बताया कि इस स्पर्धा में तकरीबन 5 हजार धावकों ने हिस्सा लिया था।फोटो वारयल होते ही खोजबीन हुई शुरू
धरमूराम व फूलधर नेताम के इस प्रतिभा की फोटो व कहानी जैसे ही सोशल मीडिया में वायरल हुई तो एक के बाद एक कैमेंट आने लगे। वही क्षेत्रीय विधायक व पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित शिक्षा विभाग का अमला भी इन दोनों युवक की खोजबीन में उनके गांव तक पहुंच गया। जहां पता चला कि उसके परिवार वालों को तो मालूम ही नहीं है कि वह कहा गया है।