यह भी पढ़ें : ITI के इन पदों पर निकली बम्पर भर्तियां, इतने तक मिलेगी सैलरी, जल्द करें अप्लाई नहीं तो… साथ ही ठीक ढंग से कार्य न करने वाले देवताओं को भंगाराम माई सजा भी सुनाएंगी। जिसकी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। कुछ ही देर में देवी देवता भंगाराम माई के दरबार मे पहुंचेंगे।
यह भी पढ़ें : DRG जवान के बेटे की डॉक्टरों ने बचाई जान, घंटों ऑपरेशन कर पेट से निकाला ’’स्प्लीन’’ ..सिकलसेल की थी बिमारी बता दें कि जातरा के पहले छः शनिवार को सेवा (विशेष पूजा) की जाती है और शनिवार को जातरा का आयोजन होता है। इस जातरा के दिवस क्षेत्र के नौ परगना के देवी देवता के अलावा पुजारी, सिरहा, गुनिया, मांझी, गायता मुख्या भी बड़ी संख्या में शामिल होते है । यह मेला शनिवार के दिन ही लगता है, क्षेत्र के विभिन्न देवी देवताओं का भंगाराम मांई के दरबार में अपनी हाजरी देना अनिवार्य होता है। जात्रा के दिन भंगाराम मांई के दरबार पर महिलाओं का आना प्रतिबंधित होता है।
यह भी पढ़ें : इस योजना के हितग्राहियों को मिलेगा पैसा, CM बघेल 23.93 करोड़ रूपए अकाउंट में करेंगे ट्रांसफर सभी देवी देवताओं को फुल पान सुपारी मुर्गा बकरा बकरी देकर प्रसन्न किया जाता है वहीं भंगाराम मांई के मान्यता मिले बिना किसी भी नये देव की पूजा का प्रावधान नहीं है। देवी देवताओं के मेला में क्षेत्र व दूरदराज के लोग भी काफी संख्या में उपस्थित होते है।