WEST BENGAL SCHOOL SUMMER HOLIDAY-कमजोर मानसून से बंगाल में शिक्षण व्यवस्था बाधित
BENGAL SCHOOL SUMMER HOLIDAY2022-कोलकाता। बंगाल में इस साल WEAK MONSOON के चलते शिक्षण व्यवस्था बाधित हो रही। जहां प्रदेश सरकार की ओर से राज्य में हीटवेब का हवाला देकर सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुटिटयां 27जून तक बढ़ाई गई तो उधर निजी स्कूलों में इसे लेकर उहापोह के हालात हैं। महानगर के कई शिक्षण विशेषज्ञों ने छुटिटयां बढ़ाने के सरकारी फैसले पर हैरानी जताई है। गर्मी की छुट्टियों में इजाफे से छात्रों को केवल नुकसान और स्कूली परीक्षाओं पर विपरीत असर पड़ेगा। अगले साल की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए पूरे पाठ्यक्रम को पूरा करना बहुत मुश्किल होगा। पत्रिका से मंगलवार को बातचीत में कोलकाता के अनेक शिक्षण विशेषज्ञों ने यह बात कही। ग्रीष्मकालीन अवकाश बढ़ाने के निर्णय पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई। श्रीमाहेश्वरी विद्यालय के मंत्री केशव भट्टड़ ने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे अभिभावक गर्मी की छुट्टियों की फीस माफी के लिए अनुरोध कर ही रहे थे कि सरकार ने छुट्टियां और बढ़ा दी। ऐसे में नए रास्ते तलाशे जाने चाहिए जिससे स्कूल सुचारू रूप से चल सकें। पढ़ाई नहीं तो फीस नहीं के विचार का मुकाबला कैसे किया जाए? तय सीमा में सिलेबस भी पूरा कराना है यह सबसे बड़ी चिंता की बात है। उधर द एडवांस्ड सोसाइटी फॉर हेडमास्टर्स एंड हेडमिस्ट्रेस की राय है कि इससे अच्छे से ज्यादा नुकसान होगा। इसके महासचिव चंदन कुमार मैती ने कहा कि लंबे अंतराल बाद शैक्षणिक संस्थान फिर से खुले थे और अब लंबी छुट्टी से छात्रों को केवल नुकसान ही होगा।अगले साल की १०वीं और १२वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए पूरे पाठ्यक्रम को पूरा करना बहुत मुश्किल होगा।
—–इनकी जुबानी
अभिभावक भी चाहते हैं स्कूल खुले। बच्चों की पढ़ाई कब होगी। घर पर रह कर वैसे ही बच्चों का बहुत नुक्सान पहले ही हो चुका। रही गर्मी की बात तो घर में भी गर्मी रहेगी। सब के घर एसी नहीं है ज्यादा है तो सुबह कक्षाएं चलाएं। पर अब स्कूल बन्द नहीं होना चाहिए———-सुधा जैन सचिव, मारवाड़ी बालिका विद्यालय.
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—इन्होंने कहा-सरकार का अच्छा फैसला
निश्चय ही बंगाल में इस बार गर्मी चरम पर है। ऐसे में राज्य सरकार ने गर्मी की छुट्टियां बढ़ा कर अच्छा कदम उठाया है। पिछले कुछ सालों में मई-जून में ऐसी मारक गर्मी नहीं पड़ी। गर्मी के कारण बच्चों के अस्वस्थ होने और बड़े- बूढ़ों के बीमार पडऩे के समाचार हम आए दिन पढ़ ही रहे हैं। हद से ज्यादा गर्मी में विद्यार्थी क्लास में एकाग्र नहीं हो पाते। हर शिक्षण संस्थान में एसी की व्यवस्था भी नहीं है। इसलिए गर्मी की छुट्टियों को बढ़ाना बहुत ही अच्छा कदम है।——विनय बिहारी सिंह, शिक्षाविद, लेखक.
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——शिक्षा व्यवस्था बाधित होगी
शिक्षा संघर्ष सिखाती है। विपरीत परिस्थिति से लडऩा सिखाती है। अत्यधिक गर्मी से या बरसात या ठंड से लडऩे के लिए बच्चों को तैयार करना भी आवश्यक है। कोरोना ने शिक्षा व्यवस्था को कई तरह से नुकसान पहुंचाया है।गर्मी के कारण स्कूल की छुट्टी बढ़ाने से पुन: शिक्षा व्यवस्था बाधित होगी। स्कूल की छुट्टी बढ़ाई जाने का कोई औचित्य नहीं। गर्मी से राहत के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं। स्कूल सुबह जल्दी शुरू किया जाए, 4 घंटे के लिए स्कूल खोले जाएं और ११ बजे तक छुट्टी हो जाए ताकि बच्चे भरी दोपहरी में न तो स्कूल में रहे और न रास्ते में उन्हें उस गर्मी का सामना करना पड़े।और भी कई कदम उठाए जा सकते हैं ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो।सभी घरों में ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था का न होने के कारण बच्चों की पढ़ाई में रुकावट ही नहीं आती बल्कि धीरे-धीरे पढ़ाई से उनका मन भी दूर भागने लगता है।— सीमा सिंह, हिंदी विभागाध्यक्ष बीडीएम इंटरनेशनल.